ओस्लो। दुनियाभर के युद्धग्रस्त क्षेत्रों में यौन हिंसा के खिलाफ काम करने के लिए यजीदी कार्यकर्ता एवं ईराकी नागरिक नादिया मुराद को इस बार दुनिया के सर्वोच्च नागरिक सम्मान और प्रतिष्ठित शांति के नोबेल सम्मान के लिए चुना गया है।
उनके साथ कांगो के चिकित्सक डेनिस मुकवेगे को भी शांति का नोबेल सम्मान दिया जाएगा। नादिया की कहानी दूसरों के लिए प्रेरणादायक है। संयुक्त राष्ट्र की सिक्योरिटी काउंसिल के सामने बयान देते हुए नादिया ने जब बताया कि आईएसआईएस के आतंकियों ने उसे तीन माह तक मोसुल में यौन दासी बनाकर रखा। उनको आतंकी शारीरिक व मानसिक यातना देते थे ओर बेहोश होने तक उनके साथ बलात्कार किया जाता था।
उनकी कहानी ने दुनिया को झकझोर कर रख दिया। इतना सब होने के बावजूद नादिया विपरित हालातों से लड़ते हुए विश्व भर के युद्वग्रस्त इलाकों में यौन हिंसा के खिलाफ अपनी लडाई अभी भी जारी रखें हुए है। उनकी इसी जीजीविषा ने उन्हें इस बार शांति का नोबेल दिला दिया है ।