टीईएसएस के प्रधान अनुसंधानकर्ता जॉर्ज रिकर ने कहा कि उन्हें उम्मीद है टीईएसएस ऐसे ग्रहों की तलाश करेगा जहां के वायुमंडल की संरचना जीवन के लिहाज से अनुकूल हो सकती है। मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी ( एमआईटी ) द्वारा विकसित उपग्रह का लक्ष्य हजारों ऐसे ग्रहों की तलाश करना है जो हमारे सौर मंडल से बाहर हैं।
अंतरिक्ष के लिए रवाना होने के बाद अंतरिक्ष यान सीधा सूर्य के प्रभामंडल यानी कोरोना में पहुंचेगा, जोकि सूर्य के काफी करीब है जहां अब तक कोई मानव निर्मित वस्तु नहीं पहुंच पाई है। सूर्य की सतह से कोरोना की दूरी 38 लाख मील दूर है।
इसी बीच अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा लोगों के लिए ऐसी संभावना पर विचार कर रही है, जिसके जरिए लोग सूरज तक अपना नाम भेज सकेंगे। यह संभव होगा उसके पार्कर सोलर प्रोब नामक अंतरिक्ष शोध यान के जरिए जिसको इसी साल लांच करने की योजना पर काम चल रहा है।