उन्होंने कहा कि हो सकता है कि वे गले के कैंसर के कारण चुनाव प्रचार में भाग नहीं ले पाएं, लेकिन वह निश्चित रूप से चुनाव लड़ेंगी और जीतेंगी। अटकलें हैं कि करीब 65 साल की कुलसूम 17 सितंबर को होने वाले उपचुनाव में जीतकर शाहिद खाकान अब्बासी की जगह नई प्रधानमंत्री बन सकती हैं।
उच्चतम न्यायालय ने पनामा पेपर्स मामले में 28 जुलाई को शरीफ को अयोग्य करार दिया था जिसके बाद लाहौर सीट खाली हो गई थी। डॉ. करमानी के मुताबिक, बेगम कुलसूम के कैंसर का इलाज हो सकता है। डॉक्टर आने वाले दिनों में उनका उपचार शुरू करेंगे।
पीएमएल-एन नेतृत्व ने कुलसूम का प्रचार अभियान चलाने की जिम्मेदारी अधिकृत रूप से मलिक को दी थी। पीएमएल-एन के एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक कुलसूम की बेटी मरियम नवाज अपनी मां का चुनाव प्रचार अभियान संभालेंगी। उन्होंने कहा कि मरियम अपने चाचा और पंजाब के मुख्यमंत्री शाहबाज शरीफ से भी प्रचार में पूरी तरह सहयोग की उम्मीद कर रही हैं। (भाषा)