हेग। इस कस्बे के बारे में दुनिया को बहुत कम जानकारी हो सकती है। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि यहां के लोग सड़क की जगह पानी की सड़कों पर चलते हैं। बताया जाता है कि यह शहर 18 वी शताब्दी में जमीन में गड़ा मिला था।
प्राप्त जानकारी के आधार पर 'नीदरलैंड का वेनिस' कहा जाने वाला एक और नगर इस धरती पर मौजूद है जिसे 'गिएथूर्न' के नाम से जाना जाता है। इस शहर की आबादी महज 2,600 के करीब है। यहां सड़कों से ज्यादा नहरों का उपयोग किया जाता है।
कहीं भी आना-जाना हो तो लोग नहरों से ही जाते हैं। यहां पोस्टमैन भी अपनी डाक नाव के जरिए बांटने जाता है। दरअसल, इस शहर की नहरों का जाल अत्यधिक प्रभावशाली है। दूर-दूर तक फैले हुए खेतों में जाने के लिए भी लोग इन्ही नहरों का इस्तेमाल करते हैं।
उल्लेखनीय है कि कस्बे में लकड़ी से बने 176 पुल हैं जोकि इस शहर की खूबसूरती में चार चांद लगा देते हैं। इस खूबसूरत जगह को देखने के लिए हर साल पर्यटकों की भारी भीड़ यहां जुटती है। कार और बाइक की चिल्लपों से दूर यह जगह पर्यटकों के आकर्षण का विशेष केंद्र बन गई है।
इस शहर में पर्यटकों को वाहन शहर से बाहर रखने की हिदायत दी जाती है। यहां आने वाले पर्यटक खूबसूरत नावों से पूरे शहर में घूमते हैं। बताया जाता है कि यहां सर्दियों के समय लोग विशेष तौर पर आइस स्केटिंग करने आते हैं। ठंड में भी यहां पर्यटकों का आना-जाना लगा रहता है।
यहां आने वाले पर्यटकों की बढ़ती संख्या को देखते हुए कई होटल्स और रेस्टोरेंट बनाए गए हैं। बताया जाता है कि इस शहर की खोज 18 वीं शताब्दी में हुई थी। जब लोग यहां रहने आए तब उन्होंने देखा कि बाढ़ के कारण यहां जगह-जगह पर दलदली मिट्टी फैली हुई है।
लोगों ने इस मिट्टी की उपयोगिता को समझा और खुदाई करना शुरू किया। कई सालों तक जब खुदाई का काम जारी रहा तो जगह-जगह नहरें बन गईं। तब जाकर यह अनोखा नगर दुनिया की नजरों के सामने आया।