मीडिया में आई एक खबर के मुताबिक मौजूदा स्थिति को बनाए रखने को लेकर आत्मविश्वास से भरी परमार का कहना है कि उन्होंने चुनाव लड़ने का फैसला इसलिए किया, क्योंकि पूर्व की सरकारें उनके निर्वाचन क्षेत्र के लोगों से किए गए वादों को पूरा करने और उनका जीवनस्तर सुधारने में असफल रहीं।
परमार ने कहा कि पिछली सरकारों ने इस इलाके के लिए कुछ भी नहीं किया। 21वीं शताब्दी में रहने के बावजूद महिलाओं के लिए मूल स्वास्थ्य सुविधाएं और शैक्षणिक संस्थान नहीं हैं। एपीपी समाचार एजेंसी ने परमार के हवाले से कहा कि वे दिन गए जब महिलाओं को कमजोर और कमतर आंका जाता था। मैं इन चुनावों को जीतने को लेकर आश्वस्त हूं, यह 21वीं सदी है और हम शेर से भी लड़ने के लिए तैयार हैं।