SAARC मीटिंग में भी पाकिस्तान की किरकिरी, जयशंकर के संबोधन से तिलमिलाए विदेश मंत्री कुरैशी ने किया बहिष्कार

Webdunia
शुक्रवार, 27 सितम्बर 2019 (08:08 IST)
संयुक्त राष्ट्र। सार्क में विदेशमंत्रियों की बैठक के दौरान पाकिस्तान की एक बार फिर उस समय किरकिरी हो गई जब पाक विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने भारत के विदेश मंत्री जयशंकर के संबोधन का बहिष्कार कर दिया।
 
पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने गुरुवार को दक्षेस के विदेश मंत्रियों की परिषद की बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर के उद्घाटन संबोधन का बहिष्कार करते हुए कहा कि उनका देश भारत के साथ तब तक कोई सम्पर्क नहीं करेगा जब तक कि वह कश्मीर में पाबंदी समाप्त नहीं करता। 

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ट्वीट कर PTI ने दी सफाई : पाकिस्तान की सत्तारुढ़ पार्टी तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी (PTI) ने ट्वीट कर कहा कि कुरैशी ने दक्षेस मंत्रियों की परिषद की बैठक में भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर के शुरुआती संबोधन के समय शामिल होने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान भारत के साथ तब तक कोई बातचीत शुरू नहीं करेगा, जब तक वे कश्मीर में पाबंदी समाप्त नहीं करता।
 
उन्होंने कहा कि उन्हें कश्मीरियों के मानवाधिकारों की रक्षा करनी चाहिए, सुनिश्चित करना चाहिए कि उनका संरक्षण हो और उनका दमन-शोषण नहीं किया जाए।
 
जयशंकर के संबोधन के बाद फिर लौटे : कुरैशी जयशंकर के संबोधन के बाद ही वहां पहुंचे। बैठक के लिए देर से आने के बारे में पूछे जाने पर, कुरैशी ने कहा कि वह कश्मीर पर विरोध स्वरूप भारतीय मंत्री के साथ नहीं बैठना चाहते हैं। जयशंकर ने इस मामले में टिप्पणी करने से इंकार कर दिया। 
 
जयशंकर से जब उनके संबोधन के दौरान उनके पाकिस्तानी समकक्ष की अनुपस्थिति पर टिप्पणी करने के लिए कहा गया तो उन्होंने कहा नहीं।
 
पाकिस्तान भारत द्वारा गत अगस्त में जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त करने के लिए संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधान समाप्त करने के बाद से दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है। भारत के फैसले पर पाकिस्तान की ओर से तीखी प्रतिक्रिया आई। पाकिस्तान ने राजनयिक संबंधों को कमतर किया और भारतीय उच्चायुक्त को निष्कासित कर दिया। 
 
भारत द्वारा जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त करने के बाद पाकिस्तान कश्मीर मुद्दे का अंतरराष्ट्रीय बनाने की कोशिश कर रहा है लेकिन नई दिल्ली ने कहा है कि अनुच्छेद 370 के प्रावधान समाप्त करना उसका आंतरिक मामला है। 

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