इस्लामाबाद। इसे कहते हैं 'घर में नहीं दाने, अम्मा चली भुनाने।' आतंकियों व सेना को प्रश्रय देने का परिणाम यह रहा कि पाकिस्तान बर्बादी की गर्त में जा पहुंचा। आर्थिक स्थिति दिन पर दिन बदतर होते जा रही है। इस सत्य से जी चुराते हुए इमरान खान भी अपने पूर्व के प्रधानमंत्रियों के रास्ते पर चलकर आतंकियों व सेना को पनाह देने का ही काम कर रहे हैं।
चीन ने पाकिस्तान को सबसे ज्यादा कर्ज दिया है और कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों से भी पाकिस्तान ने कर्ज ले रखा है। आईएमएफ ने इस साल जुलाई की रिपोर्ट में कहा था कि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था बेहद नाजुक मोड़ पर है। आतंक के चले पाकिस्तान में कोई भी देश जल्दी निवेश करना पसंद नहीं करता है और यहां व्यापार करने का माहौल भी नहीं है। सरकारी कंपनियां भी पहले से घाटे में चल रही हैं।