कश्मीर: भारत ने बताया, पाकिस्तान से क्यों आ रहे जंग के बयान
शुक्रवार, 30 अगस्त 2019 (07:32 IST)
जम्मू-कश्मीर की संवैधानिक स्वायत्तता खत्म किए जाने के बाद से पाकिस्तान भारत के खिलाफ आक्रामक बयान दे रहा है।
पाकिस्तान के रेल मंत्री शेख रशीद अहमद ने तो यहां तक कह दिया कि अक्तूबर-नवंबर में भारत के साथ जंग हो सकती है। वहीं पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान भी कह चुके हैं कि दोनों देश परमाणु हथियारों से लैस हैं और युद्ध हुआ तो कुछ बचेगा नहीं।
पाकिस्तान की तरफ से आ रहे आक्रामक बयानों पर अब भारत के विदेश मंत्रालय से प्रतिक्रिया आई है।
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने साप्ताहिक प्रेस कॉन्फ़्रेंस में कहा, 'पाकिस्तान से बहुत ही ग़ैर-ज़िम्मेदाराना बयान आ रहे हैं और भारत कड़े शब्दों में भर्त्सना करता है। हम मानते हैं कि पाकिस्तान से जो बयान आ रहे हैं वो भारत के अंदरूनी मामलों में दखल है।'
रवीश कुमार ने कहा, 'पाकिस्तानी नेतृत्व और वहां के कॉमेंटेटर की तरफ से बहुत ही भड़काऊ बयान आ रहे हैं। उनके बयान और ट्वीट में जिहाद करने की बात कही जा रही है। इन बयानों से ये बताना चाहते हैं कि हालात काबू से बाहर हैं। पाकिस्तान को ये समझना होगा कि दुनिया को उनकी चाल समझ में आ गई है। अब उनकी बातों से कोई बेवक़ूफ़ बनने वाला नहीं है।'
रवीश कुमार ने पाकिस्तान के मिसाइल परीक्षण पर कहा कि भारत सरकार को इस बारे में पहले सूचित किया गया था। रवीश कुमार ने कहा, 'पाकिस्तान को एक सामान्य पड़ोसी की तरह व्यवहार करना चाहिए। जो ज़मीनी हक़ीक़त है उससे उलट पाकिस्तान माहौल बनाने की कोशिश कर रहा है कि दोनों देशों के बीच माहौल बहुत ही नाजुक है।'
उन्होंने कहा, 'पाकिस्तान का मक़सद ये है कि वो दुनिया के सामने माहौल बनाए कि भारत और पाकिस्तान के बीच स्थिति बहुत ही नाज़ुक है। रवीश कुमार ने कहा कि पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र भारत के लिए बंद करने को लेकर उन्हें कोई जानकारी नहीं है।'
पाकिस्तान के रेल मंत्री शेख रशीद अहमद ने बुधवार को पत्रकारों से कहा था, 'अक्टूबर के आख़िर और नवंबर-दिसंबर में हिन्दुस्तान-पाकिस्तान के बीच जंग होती देख रहा हूं। इसके लिए कौम को तैयार करने निकला हूं। जरूरी नहीं कि जंग हो लेकिन जिस मोदी को समझने में बड़े लोगों ने गलती की वो गलती मैंने कभी नहीं की। असल मसला ये है कि 24 करोड़ 25 करोड़ मुसलमान पाकिस्तान की तरफ देख रहा है। तमाम मतभेदों को पीछे छोड़ हमें कश्मीरियों के लिए एकजुट होना है, वर्ना तारीख हमें कभी माफ़ नहीं करेगी।'
इस महीने जब 5 अगस्त को भारत ने जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी करने का फ़ैसला किया तब से पाकिस्तान के प्रधानमंत्री राष्ट्र के नाम संबोधन 2 बार कर चुके हैं। इमरान ख़ान ने गुरुवार को भी ट्वीट कर कहा है कि शुक्रवार (30 अगस्त) को जुमे की नमाज़ के बाद सभी पाकिस्तानी कश्मीरियों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए सड़क पर उतरेंगे।
इमरान खान ने ट्वीट कर कहा है, 'मैं चाहता हूं कि सभी पाकिस्तानी 30 अगस्त को दोपहर में 12 बजे से 12.30 बजे तक घरों से बाहर निकलें और भारत के क़ब्ज़े वाले कश्मीरियों के प्रति एकता दिखाते हुए स्पष्ट संदेश दें कि सभी पाकिस्तानी उनके साथ खड़े हैं। यहां पिछले 24 दिनों से कर्फ़्यू लगा हुआ है।'
इमरान खान ने अगले ट्वीट में कहा है, 'कश्मीर में आम नागरिकों की हत्या हो रही है। इनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। मोदी सरकार का एजेंडा नस्लीय जनसंहार का है। भारत ने अवैध तरीक़े से कश्मीर का दर्जा छीन लिया है। भारत की योजना कश्मीर में डेमोग्राफ़ी बदलना है।'
भारत की तरफ से गुरुवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी ट्वीट कर पाकिस्तान को निशाने पर लिया है। राजनाथ सिंह ने कहा, 'मैं पाकिस्तान से पूछना चाहता हूं कि कश्मीर पाकिस्तान के पास था कब? और पाकिस्तान भी तो इसी भारत से निकल कर बना है। हम पाकिस्तान के वजूद का सम्मान करते हैं, इसका अर्थ यह नहीं है कि वह कश्मीर को लेकर लगातार बयानबाज़ी करता रहेगा।'
गुरुवार को पाकिस्तान की सेना ने ट्वीट कर बैलिस्टिक मिसाइल के परीक्षण की जानकारी दी थी। पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता ने ट्वीट कर कहा था, 'ग़ज़नवी मिसाइल का सफलता पूर्वक परीक्षण किया गया है। यह मिसाइल 290 किलोमीटर तक मार कर सकती है। यह मिसाइल कई तरह के हथियारों को ले जाने में सक्षम है।'
पाकिस्तानी सेना ने यह भी बताया है कि यह सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल है। ट्वीट के मुताबिक़ इस सफल परीक्षण के बाद राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने पूरी टीम को बधाई दी है।