इस आवंटन में 1.35 अरब रुपए के पाकिस्तान मल्टी- मिशन उपग्रह का वित्तपोषण भी शामिल है। इसके अलावा पाकिस्तान कराची, लाहौर और इस्लामाबाद में अंतरिक्ष केंद्र की स्थापना करने की भी योजना बना रहा है। इस पर एक अरब रुपये का खर्च आने की संभावना है।
रक्षा विश्लेषक मारिया सुल्तान कहती हैं, 'क्षेत्र में 2 असामान्य गतिविधियां रणनीतिक स्थिति को प्रभावित कर रही हैं- सबसे पहले तो पाकिस्तान को भारत पर नजर रखनी है। दूसरी बात यह है कि पहले उनके प्रोग्राम सीमित गुणवत्ता वाले थे, लेकिन अब अमेरिका भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम में सक्रिय तौर पर सहयोग कर रहा है।' (भाषा)