व्लादिवोस्तोक। भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) ने ईस्टर्न इकोनॉमिक फोरम के मुख्य अतिथि के रूप में कहा कि भारत और रूस के बीच भरोसे का रिश्ता है। मैं रूस की विविधता और तकनीकी विकास से प्रभावित हूं। उन्होंने कहा कि हम मिलकर समंदर की गहराइयों से समृद्धि को निकालकर लाएंगे।
प्रधानमंत्री मोदी ने रूस के व्लादिवोस्तोक में कहा कि भारत के 130 करोड़ लोगों ने मुझ पर भरोसा जताया है। हम सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास के मंत्र के साथ काम कर रहे हैं। हम भारत को 5 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था बनाने के लिए काम कर रहे हैं।
रूसी राष्ट्रपति पुतिन की तारीफ करते हुए मोदी ने कहा कि मैं रूस की विविधता से तकनीकी विकास से प्रभावित हूं। रूस ने पूर्वी इलाकों में कोयला, गैस, तेल और हीरे के खनन के लिए निवेश के लिए फोरम बनाया है। उन्होंने कहा कि रूस चाहता है कि भारतीय कंपनियां निवेश करें।
समंदर की गहराइयों से निकालेंगे समृद्धि : भारत-सहयोग की बात करते हुए मोदी ने कहा कि हम समंदर की गहराइयों से समृद्धि निकालकर लाएंगे। उन्होंने कहा कि भारत और रूस सहयोग के लिए महत्वाकांक्षी लक्ष्य बनाएं। भारतीय संस्कृति की चर्चा करते हुए मोदी ने कहा कि हमें संस्कृति ने सिखाया है कि प्रकृति से उतना ही लें, जितनी जरूरत है।
आवजो... दसविदानिया... : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुजराती और रूसी भाषा की चर्चा करते हुए कहा कि आमंत्रण के लिए गुजराती में आवजो कहा जाता है, जबकि रूसी में दसविदानिया। उन्होंने कहा कि मैंने रूस में भारत के लिए हमेशा प्यार, सम्मान और मैत्री भाव पाया है। मेरे रूसी मित्र पुतिन खुले दिल से और वक्त निकालकर मिलते हैं। भारत के प्रति उनके मन में प्यार झलकता है।