अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के इस कदम पर क्रेमलिन का कहना है कि इस तरह के कदमों से पश्चिम एशिया में शांति के संभावित रास्ते अवरूद्ध होंगे। ट्रंप की इस घोषणा ने पवित्र शहर के दर्जे पर अमेरिका की सात दशक पुरानी अस्पष्टता को खत्म कर दिया है। गौरतलब है कि इसराइल और फिलिस्तीन दोनों ही येरूशलम पर अपना दावा करते हैं।