कोर्ट ने बताया अभिव्यक्ति की आजादी : बता दें कि जिस समय कुरान जलाई जा रही थी, उस वक्त करीब 200 लोग वहां मौजूद थे। कुछ लोगों ने अल्लाह-हू-अकबर के नारे लगाए और प्रदर्शनकारियों पर पत्थर फेंकने की कोशिश की। पत्थर फेंकने वाले को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। वहीं, बाद में पुलिस ने प्रदर्शन करने वालों पर एक जातीय या राष्ट्रीय समूह को भड़काने का मामला दर्ज कर जांच शुरू की है। हालांकि कोर्ट ने हवाला देते हुए कहा कि इसलिए अनुमति दी गई क्योंकि यह अभिव्यक्ति की आजादी का मामला है।
कुरान जलाए जाने पर भड़के तुर्की- सऊदी अरब : इस्लामिक देश सऊदी अरब ने इस घटना पर कड़ी आपत्ति जताई है। सऊदी के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि इस तरह के घृणित कृत्य नहीं होना चाहिए। मंत्रालय ने अपने एक बयान में कहा, 'इन घृणित और बार-बार गए जा रहे कृत्यों को किसी भी औचित्य के साथ स्वीकार नहीं किया जा सकता है। ऐसे कृत्य स्पष्ट रूप से नफरत और नस्लवाद को उकसाते हैं।
स्वीडन में कुरान के कथित अपमान की घटनाओं से तुर्की हमेशा से नाराज रहा है। इसी कारण वो स्वीडन के नेटो में शामिल होने के रास्ते में रोड़ा भी बनता रहा है। एक बार फिर स्वीडन में कुरान जलाने की घटना से तुर्की नाराज है। कुरान जलाए जाने को जघन्य कृत्य करार देते हुए तुर्की के विदेश मंत्री ने इसकी कड़ी निंदा की जाती है।
स्वीडन के बारे में : स्वीडन उत्तरी यूरोप में स्थित एक देश है, जो स्कैन्डिनेवियाई प्रायद्वीप में स्थित है। इसकी सीमाएं नॉर्वे, फिनलैंड और डेनमार्क से लगती हैं। 1.1 करोड़ की जनसंख्या वाले इस देश के 52% लोग चर्च ऑफ स्वीडन में आस्था रखते हैं। वहीं 8% जनसंख्या मुस्लिम हैं।
Edited By navin rangiyal