भारत और अमेरिका के बीच पिछले कुछ वर्षों से रक्षा संबंधों में तेजी आई है और जून 2016 में अमेरिका ने भारत को 'बड़ा रक्षा साझेदार' बताया था। पिछले कुछ वर्षों में दोनों देशों ने कई महत्वपूर्ण रक्षा और सुरक्षा समझौतों पर दस्तखत किए हैं जिसमें 2016 में लॉजिस्टिक्स एक्सचेंज मेमोरैंडम ऑफ एग्रीमेंट (एलईएमओए) भी शामिल है। इसके तहत दोनों देशों की सेनाएं एक-दूसरे के अड्डों का इस्तेमाल सैन्य साजो-सामान की मरम्मत और आपूर्ति के लिए कर सकती हैं।
ऑस्टिन अगले हफ्ते भारत के दौरे पर जाएंगे। इससे पहले वे जापान और दक्षिण कोरिया जाएंगे। पहली बार बाइडन प्रशासन का कोई शीर्ष अधिकारी भारत दौरे पर आ रहा है। हिन्द्-प्रशांत सुरक्षा मामलों के सहायक कार्यवाहक रक्षामंत्री डेविड एफ. हेलवी ने संवाददाताओं से कहा कि भारत में वे रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और अन्य नेताओं से मुलाकात करेंगे और भारत के साथ बड़ी रक्षा साझेदारियों को क्रियान्वित करने पर चर्चा करेंगे। इसमें सूचना साझा करना, क्षेत्रीय रक्षा समझौता, रक्षा व्यापार और नए क्षेत्रों में सहयोग भी शामिल हैं।
नई दिल्ली में रक्षा मंत्रालय ने कहा कि अमेरिका के रक्षामंत्री ऑस्टिन 19 से 21 मार्च तक भारत के दौरे पर रहेंगे। हेलवी ने कहा कि भारत एक महत्वपूर्ण सामरिक भागीदार है तथा भारत दौरे से महत्वपूर्ण सहयोगियों के साथ विचारों के आदान-प्रदान का अवसर मिलेगा कि किस तरह से नियम आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था के लिए साथ मिलकर काम किया जाए। राष्ट्रपति जो बाइडन, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन और जापान के प्रधानमंत्री योशीहिदे सुगा के बीच पहले डिजिटल क्वॉड शिखर सम्मेलन के 1 हफ्ते बाद ऑस्टिन का भारत दौरा होने वाला है। (भाषा)