वैज्ञानिकों का कहना है कि इनमें से कोई भी पहाड़ 700 मीटर से अधिक की ऊंचाई का नहीं है। यह मानचित्र टाइटन की स्थलाकृतियों की ऊंचाई एवं गहराई का भी वैश्विक चित्रण करता है, जिससे वैज्ञानिक यह पुष्टि कर पाए कि टाइटन की भूमध्यरेखा क्षेत्र में मौजूद दो स्थान वास्तव में गड्ढे हैं जो संभवत: या तो काफी पुराने हैं या सूखे हुए समुद्र अथवा क्रायोवोल्कैनिक प्रवाह हैं।
अमेरिका में कॉरनेल यूनिवर्सिटी से पॉल कोरलाइन्स ने कहा कि हमारे कार्य का मुख्य बिंदु था कि वैज्ञानिक समुदाय इस्तेमाल के लिए एक मानचित्र तैयार करें। यह मानचित्र टाइटन के जलवायु का प्रतिरूपण करने वालों, टाइटन के आकार एवं गुरुत्वाकर्षण के अध्ययन एवं अंदरूनी प्रतिरूपों की जांच के साथ जमीन की आकृति के रूपों का अध्ययन करने की इच्छा रखने वालों के लिए महत्वपूर्ण होगा।