वॉशिंगटन। क्रिसमस से पहले अमेरिका में हुई भारी बर्फबारी से 60 प्रतिशत अमेरिकी ठंड की चपेट में आ गए। स्नो बॉम्ब साइक्लोन अटैक की वजह से करोड़ लोगों का जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया। कई शहरों में तापमान माइनस 30 डिग्री तक पहुंच गया है। 10 हजार से ज्यादा उड़ाने प्रभावित हुई है। नॉर्थ कैरोलिना, केंचुकी, ऑरेगान का हाल बेहाल है। पटरियों पर जमी बर्फ की वजह से न्यूयॉर्क, मिशिगन, शिकॉगो, मिसौरी के बीच चलने वाली ट्रेनें रद्द कर दी गई है। 48 राज्यों को अलर्ट पर रखा गया है। यहां पर किसी भी संकट से निपटने के लिए इमरजेंसी रिस्पांस प्लान तैयार किया गया है।
आर्कटिक ब्लास्ट से पैदा हुई स्थितियों के बाद अमेरिका में कई स्थानों पर स्नो बॉम्ब साइक्लोन का कहर देखने को मिल रहा। इसमें ठंडी हवाएं 70 से 80 मील प्रति घंटे की रफ्तार से चलती हैं।
अमेरिका की राष्ट्रीय मौसम सेवा (NWS) के मुताबिक, पूरे देश में मौजूदा समय में 20 करोड़ के करीब लोग चेतावनी क्षेत्रों में रह रहे हैं। खराब मौसम की वजह से 14 लाख घरों और व्यावसायिक संस्थानों को बिजली संकट का सामना करना पड़ रहा है। यहां तक की बिजली कंपनियां भी लोगों से बिजली बचाने की अपील कर रही है।
उल्लेखनीय है कि NWS ने कई राज्यों को इस बर्फीली तूफान के लिए अलर्ट जारी किया है। इसमें कहा गया है कि पूरे देश में खतरनाक रूप से तापमान गिर सकता है और भारी बर्फबारी हो सकती है। मौसम एजेंसी ने आशंक जताई थी कि 1 इंच प्रति घंटे की रफ्तार से बर्फबारी हो सकती है। तेज रफ्तार से चलने वाली सर्द हवाएं इसको और खतरनाक बना सकती है।
अमेरिका ही नहीं कनाडा और मैक्सिको में भी तूफान की वजह से लोगों को भारी ठंड का सामना करना पड़ रहा है।
2010 में आई आर्कटिक ब्लास्ट (Arctic blast) नामक फिल्म में दिखाया गया था कि सूर्यग्रहण के कारण धरती पर एक ऐसी शीतलहर आती है, जिससे हर जगह सिर्फ बर्फ ही बर्फ जम जाती है और दुनिया में कोहराम मच जाता है।