वैज्ञानिकों के मुताबिक, हमारे शरीर में त्वचा के अंदर एक परत होती है और इस लेयर (परत) को उत्तक यानी टिशू कहा जाता है। इन्हीं टिश्यूज के अंदर तरल पदार्थों से भरे हिस्से होते हैं। वैज्ञानिकों ने इन्हें 'इंटरस्टीशियम' का नाम दिया है।
'इंटरस्टीशियम' की विशेषता
वैज्ञानिकों ने 'इंटरस्टीशियम' के बारे में जानकारी देते हुए बताया है कि ये सिर्फ त्वचा में ही नहीं, बल्कि आंत, फेफड़े, रक्त नलिकाओं और मांसपेशियों के नीचे भी मिलते हैं। ये काफी लचीले होते हैं और इनके अंदर प्रोटीन की मोटी लेयर (परत) होती है। वैज्ञानिकों के अनुसार 'इंटरस्टीशियम' शरीर के टिशूज के बचाव का काम करते हैं।
खोज की कहानी
माउंट सिनाई बेथ इजरायल मेडिकल सेंटर, के डॉ. डेविड कार-लॉक और डॉ. पेट्रोस बेनियास ने यह पता लगाया था कि एक मानव शरीर में कैंसर कैसे फैलता है। इसके लिए डॉक्टर्स ने पित्त वाहिनी की जांच की। वैज्ञानिकों का दावा है कि जांच के दौरान उनकी नजर विशेष प्रकार के टिश्यू पर पड़ी जिसे उन्होंने 'इंटरस्टीशियम' नाम दिया है।
वैज्ञानिकों के मुताबिक, 'इंटरस्टीशियम' शरीर के बड़े अंगों में से एक है। वैज्ञानिक दावा कर रहे हैं कि मानव शरीर में इस नए अंग की खोज और उसे पूरी तरह से समझने के बाद वैज्ञानिकों को कैंसर के लिए नया टेस्ट विकसित करने में मदद मिलेगी।