उनका कहना है कि अलनीनो की गैरमौजूदगी के बाद भी वर्ष 2017 सबसे गर्म हो सकता है। अलनीनो जलवायु संबंधित एक ऐसी स्थिति है जिसके कारण पूरे विश्व का तापमान बहुत तेजी से बढ़ जाता है। नासा और यूरोपियन सेंटर फॉर मीडियम रेंज वैदर फोरकास्ट (ईसीएमडब्ल्यूएफ) से प्राप्त आंकड़े दर्शाते हैं कि पिछला मौसमी साल (दिसंबर 2016 से नवंबर 2017) दूसरा सबसे गर्म वर्ष रहा।
वर्ष 2017 के लिए सम्मिलित तापमान रैंकिंग के लिए डब्ल्यूएमओ अमेरिका के नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन (एनओएए), नासा की गोडार्ड इंस्टीट्यूट फॉर स्पेस स्टडीज (जीआईएसएस) और ब्रिटेन के क्लाइमेटिक रिसर्च यूनिट एवं मेट ऑफिस हेडली सेंटर के आंकड़ों का मिलान करेगा। (भाषा)