अमेरिकी कोर्ट ने लगाई भारतीय छात्र के निर्वासन पर रोक, हमास के प्रचार का आरोप

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

शुक्रवार, 21 मार्च 2025 (12:05 IST)
US news in hindi : अमेरिका की एक संघीय अदालत ने आव्रजन अधिकारियों को हिरासत में लिए गए उस भारतीय छात्र को निर्वासित नहीं करने का आदेश दिया है जिस पर हमास का सक्रिय प्रचार करने का आरोप है।
 
वर्जीनिया के अलेक्जेंड्रिया में अमेरिकी जिला न्यायाधीश पैट्रिशिया टोलिवर जाइल्स ने आदेश दिया कि बदर खान सूरी को तब तक अमेरिका से नहीं निकाला जाएगा जब तक कि अदालत इसके विपरीत आदेश जारी न कर दे। सूरी के वकील ने पहले दाखिल एक अदालती दस्तावेज में लिखा था कि सूरी को सोशल मीडिया पर किए गए उसके पोस्ट और उसकी पत्नी की फिलिस्तीनी पहचान के कारण निशाना बनाया गया।
 
हिरासत में लिया गया भारतीय बदर खान सूरी वाशिंगटन स्थित ‘जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी’ के ‘एडमंड ए वाल्श स्कूल ऑफ फॉरेन सर्विस’ में ‘अलवलीद बिन तलाल सेंटर फॉर मुस्लिम-क्रिस्चियन अंडरस्टैंडिंग’ में शोधार्थी है।
 
आंतरिक सुरक्षा विभाग के एक वरिष्ठ प्रवक्ता के अनुसार, सूरी जॉर्जटाउन विश्वविद्यालय का विदेशी छात्र है जो हमास का सक्रिय रूप से प्रचार कर रहा था और सोशल मीडिया पर यहूदी विरोधी भावना को बढ़ावा दे रहा था। सूरी के उस ज्ञात या संदिग्ध आतंकवादी से घनिष्ठ संबंध हैं, जो हमास का वरिष्ठ सलाहकार है। विदेश मंत्री ने 15 मार्च, 2025 को एक निर्णय जारी किया कि सूरी की अमेरिका में गतिविधियों और उपस्थिति के कारण उसे निर्वासित किया जा सकता है।
 
सूरी के वकील हसन अहमद ने 18 मार्च को बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की थी। याचिका के अनुसार, आंतरिक सुरक्षा विभाग ने 17 मार्च को सूरी को गिरफ्तार किया था। सूरी के वकील ने तर्क दिया कि संघीय अधिकारियों ने इस बात का कोई सबूत नहीं दिया है कि उसने कोई अपराध किया है और उसे हिरासत में लेना अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और उचित प्रक्रिया का पालन किए जाने के उसके अधिकारों का उल्लंघन है। सूरी का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है, उसके पास अमेरिका में रहने के लिए अधिकृत वीजा है और उसकी पत्नी एक अमेरिकी नागरिक है।
edited by : Nrapendra Gupta 

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