वाशिंगटन। अमेरिका के प्रतिष्ठित समाचारपत्र द न्यूयॉर्क टाइम्स ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया कि सिख अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद अमेरिका ने कनाडा को खुफिया जानकारी मुहैया करायी थी लेकिन ओटावा ने जो जानकारी जुटाई थी वह अधिक ठोस थी और उसके आधार पर ही उसने भारत पर आरोप लगाए हैं।
यह खबर शनिवार को तब प्रकाशित हुई जब कनाडा में अमेरिका के एक शीर्ष राजनयिक ने पुष्टि की कि फाइव आइज के साझेदारों के बीच खुफिया जानकारी साझा की गई थी, जिसने कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को एक खालिस्तानी अलगाववादी की कनाडा की धरती पर हुई हत्या में भारतीय एजेंटों के संलिप्त रहने का आरोप लगाने को प्रेरित किया।
भारत ने इन आरोपों को बेतुका और प्रेरित बताते हुए आक्रामक रूप से खारिज कर दिया और इस मामले में कनाडा द्वारा एक भारतीय अधिकारी को निष्कासित किए जाने के जवाब में एक वरिष्ठ कनाडाई राजनयिक को निष्कासित कर दिया।
प्रतिबंधित खालिस्तान टाइगर फोर्स (केटीएफ) के प्रमुख निज्जर की 18 जून को ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में हत्या कर दी गयी थी। भारत ने 2020 में निज्जर को आतंकवादी घोषित किया था। अमेरिका ने भारत से कनाडा की जांच में उसका सहयोग करने का अनुरोध किया है।
न्यूयॉर्क टाइम्स ने अज्ञात अधिकारियों के हवाले से कहा कि हत्या के बाद अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने कनाडा के अपने समकक्षों को ऐसी जानकारी उपलब्ध कराईं जिससे कनाडा को यह निष्कर्ष निकालने में मदद मिली कि इसमें भारत का हाथ था।
इन अधिकारियों ने बताया कि ऐसा प्रतीत होता है कि कनाडाई अधिकारियों ने भारतीय राजनयिकों की बातचीत पर नजर रखी और यही वह सबूत है जिससे भारत के इस साजिश में शामिल होने का संकेत मिलता है।
कनाडा में अमेरिकी राजदूत डेविड कोहेन के सीटीवी न्यूज चैनल को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि फाइव आइज साझेदारों के बीच खुफिया जानकारी साझा की गई थी। इसके आधार पर ट्रूडो ने भारत सरकार और एक कनाडाई नागरिक की हत्या के बीच संभावित संबंध के आरोप को लेकर सार्वजनिक बयान दिया।
कोहेन ने कहा, 'मैं कहूंगा कि यह साझा की गई खुफिया सूचना का मामला है। इसके बारे में कनाडा और अमेरिका के बीच काफी संवाद हुआ।
अखबार में कहा गया है कि निज्जर की हत्या के बाद अमेरिकी अधिकारियों ने कनाडा के अपने समकक्षों को बताया कि वाशिंगटन के पास इस साजिश के बारे में पहले से कोई सूचना नहीं थी और अगर उनके पास ऐसी कोई जानकारी होती तो वे फौरन ओटावा के साथ साझा करते।
खबर के मुताबिक, अधिकारियों ने बताया कि कनाडाई अधिकारियों ने निज्जर को सामान्य चेतावनी दी थी लेकिन उसे यह नहीं बताया था कि वह भारत सरकार की किसी साजिश के निशाने पर है।
कोहेन ने सीटीवी से कहा कि अमेरिका इन आरोपों को बहुत गंभीरता से लेता है। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा, 'और आप जानते हैं कि अगर ये सही साबित हुए तो नियम आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था का संभावित रूप से बहुत गंभीर उल्लंघन है।'
अखबार में कहा गया है कि विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने भारत से कनाडाई जांच में सहयोग करने का आग्रह किया है लेकिन अमेरिकी अधिकारियों ने मोटे तौर पर भारत से किसी राजनयिक तनाव से बचने की कोशिश की है।
न्यूयॉर्क टाइम्स ने कहा कि अमेरिकी खुफिया तंत्र के शामिल होने के खुलासे ने ऐसे वक्त में कनाडा और भारत के बीच कूटनीतिक विवाद में वाशिंगटन को फंसाने का खतरा पैदा कर दिया है जब वह नयी दिल्ली को अपना करीबी साझेदार बनाना चाहता है।
ब्लिंकन ने शुक्रवार को न्यूयॉर्क में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि कनाडा के प्रधानमंत्री ट्रूडो द्वारा भारत के खिलाफ लगाए गए आरोपों के बारे में उनका देश बहुत चिंतित है और वाशिंगटन इस मुद्दे पर ओटावा के साथ करीबी समन्वय कर रहा है और मामले में जवाबदेही देखना चाहता है।
ट्रूडो ने शुक्रवार को कहा था कि उनके देश ने हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों की संलिप्तता के बारे में विश्वसनीय आरोपों के सबूत भारत के साथ कई सप्ताह पहले साझा किए थे और कनाडा चाहता है कि नई दिल्ली इस गंभीर मसले पर तथ्यों की तह तक जाने के लिए ओटावा के साथ प्रतिबद्धता के साथ काम करे।
कनाडा के इस मामले में कोई सूचना भारत के साथ साझा किए जाने के बारे में पूछने पर नई दिल्ली में विदेश मंत्रालय ने कहा कि कनाडा ने इस मामले पर तब या उससे पहले या बाद में कोई खास जानकारी साझा नहीं की। आप जानते हैं कि जैसा कि हमने कहा है या मुझे लगता है कि हमने स्पष्ट किया है कि हम किसी भी विशेष सूचना पर विचार करने के लिए तैयार हैं।