खबरों के मुताबिक, कोर्ट में भारतीय अधिकारियों ने सुनवाई के दौरान मुंबई के आर्थर रोड जेल में माल्या को रखने के लिए तैयार सेल का वीडियो पेश किया। जिरह में माल्या के वकील ने आग्रह किया कि इस वीडियो को कोर्ट में न दिखाया जाए।
इसके बाद मजिस्ट्रेट ने कहा, उन्होंने यह वीडियो तीन बार देखा है। माल्या के वकीलों ने एक बार फिर अपने मुवक्किल को निर्दोष बताते हुए कहा कि किंगफिशर का डूबना एक कारोबारी असफलता है, इसको धोखाधड़ी से नहीं जोड़ा जाना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि माल्या ने कहा था कि भारतीय जेलों की हालत बेहद खराब है, इसलिए उन्हें भारत को न सौंपा जाए। प्रत्यर्पण से बचने के लिए माल्या की इस दलील के बाद ब्रिटिश कोर्ट ने भारतीय अधिकारियों से जेल का वीडियो पेश करने को कहा था।
वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट का फैसला क्या होगा, यह भारतीय पक्ष और माल्या, दोनों के लिहाज से अहम है। अगर कोर्ट माल्या के प्रत्यर्पण की अनुमति देता है, तो इसके बाद मामला ब्रिटेन के होम डिपार्टमेंट के पास जाएगा। जहां से माल्या के प्रत्यर्पण की अनुमति पर फैसला होगा। अगर फैसला माल्या के खिलाफ आता है तो वे ऊंची अदालत में भी चुनौती दे सकते हैं।