वॉशिंगटन। अमेरिकी संसद में ट्रंप समर्थकों के हंगामें के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मुश्किलें बढ़ गई है। उन्हें आज ही पद से हटाने की प्रक्रिया शुरू की जा सकती है। हिंसा के बाद अमेरिकी संसद की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। वॉशिंगटन में कर्फ्यू लगा दिया गया है।
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भाषण के बाद समर्थकों ने चुनाव परिणामों की पुष्टि की कोशिश करते हुए कांग्रेस सांसदों पर हमला किया। समर्थकों ने परिणामों को मानने से इंकार करते हुए यूएस कैपिटल बिल्डिंग के अंदर रोटंडा रूम पर कब्जा कर लिया।
कैपिटोल परिसर के बाहर भी ट्रंप समर्थकों की और पुलिस के बीच हिंसक झड़प हुई। इसमें एक महिला की गोली लगने से मौत हो गई। इसके बाद परिसर को 'लॉक्ड डाउन' (प्रवेश एवं निकास बंद) कर दिया गया। कैपिटोल के भीतर यह घोषणा की गई कि 'बाहरी सुरक्षा खतरे' के कारण कोई व्यक्ति कैपिटोल परिसर से बाहर या उसके भीतर नहीं जा सकता।
जब नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बिडेन की जीत को प्रमाणित करने के लिए सांसद संसद के संयुक्त सत्र के लिए कैपिटोल के भीतर बैठे थे, तभी यूएस (अमेरिका) कैपिटोल पुलिस ने इसके भीतर सुरक्षा के उल्लंघन की घोषणा की। कैपिटोल के बाहर पुलिस और ट्रंप समर्थकों के बीच झड़प हुई। प्रदर्शनकारियों ने कैपिटोल की सीढ़ियों के नीचे लगे अवरोधक तोड़ दिए।
ट्रंप ने नहीं मानी हार : राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संसद का संयुक्त सत्र शुरू होने से ठीक पहले कहा कि वह चुनाव में हार को स्वीकार नहीं करेंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि इसमें धांधली हुई है और यह धांधली उनके डेमोक्रेटिक प्रतिद्वंद्वी जो बिडेन के लिए की गई, जो नवनिर्वाचित राष्ट्रपति हैं।
ट्रंप ने वाशिंगटन डीसी में अपने हजारों समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा कि जब धांधली हुई हो तब आपको अपनी हार स्वीकार नहीं करनी चाहिए। ट्रंप ने एक घंटे से अधिक के अपने भाषण में दावा किया कि उन्होंने इस चुनाव में शानदार जीत हासिल की है। उन्होंने अपने समर्थकों से शांति बनाए रखने की भी अपील की।
अमेरिका के नव निर्वाचित राष्ट्रपति बिडेन ने ट्वीट किया, 'मैं राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का आह्वान करता हूं कि वह अपनी शपथ पूरी करें और संविधान की रक्षा करें और इस घेराबंदी को समाप्त करने की मांग करें।' एक अन्य ट्वीट में बिडेन कहते हैं, 'मैं साफ कर दूं कि कैपिटोल बिल्डिंग पर जो हंगामा हमने देखा हम वैसे नहीं हैं। ये कानून न मानने वाले अतिवादियों की छोटी संख्या है। ये राजद्रोह है।'