Iran attacks Israel : हिजबु्ल्लाह प्रमुख नसरल्लाह की मौत का बदला लेने के लिए ईरान द्वारा इजराइल पर किए गए भीषण हमले से मिडिल ईस्ट पर महायुद्ध का खतरा मंडरा रहा है। इस बीच अमेरिका भी खुलकर इसराइल के समर्थन में आ गया है। उसने ईरानी मिसाइलों को हवा में ही नष्ट कर दिया। बहरहाल इजराइल, ईरान, लेबनान और अमेरिका के तेवरों को देखते हुए कहा जा सकता है कि आने वाला समय काफी तनावपूर्ण रह सकता है।
ईरानी हमले से तेल अवीव थर्रा गया। पूरे इजराइल में सायरन की आवाजें गूंजने लगी। हमले के बाद इजराइली सेना से लोगों से सुरक्षित ठिकानों पर ही रहने को कहा है। इधर ईरान का दावा है कि इजराइली खुफिया एजेंसी मोसाद के हेडक्वार्टर को तबाह दिया। हमले में इजरायल के 20 एफ-35 लड़ाकू विमान नष्ट कर दिए गए।
क्या बोला ईरान : इधर ईरान ने कहा कि उसने आत्मरक्षा के अधिकार का इस्तेमाल करते हुए हमला किया। हमले के दौरान केवल सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया गया। आम नागरिकों पर हमला नहीं किया गया।
अमेरिका ने दी थी चेतावनी : इस हमले से ठीक पहले अमेरिका ने इजराइल को चेतावनी दी थी कि ईरान कुछ ही घंटे के भीतर बैलेस्टिक मिसाइलें दाग सकता है। यह मिसाइलें 12 मिनट से भी कम समय में लक्ष्य भेद सकती है। अमेरिका के रक्षा मंत्रालय के मुख्यालय पेंटागन में प्रेस सचिव मेजर जनरल पैट्रिक एस. राइडर ने कहा कि अधिकांश मिसाइलों को उनके लक्ष्य तक पहुंचने से पहले ही नष्ट कर दिया गया, हालांकि कुछ मिसाइलें लक्ष्य तक पहुंचीं और उनसे न्यूनतम क्षति पहुंची।
बदला लेगा इजराइल : हमले से इजराइल भड़क उठा। इजराइली सेना ने कहा कि ईरान की ओर से करीब 200 मिसाइलें दागी गई। हम इसका करारा जवाब देंगे। इसका समय और स्थान हम तय करेंगे। हमले के बाद इजरायल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने भी कहा है कि ईरान को इसकी बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी।
“Irans attack is a severe and dangerous escalation. There will be consequences…We will respond wherever, whenever and however we choose, in accordance with the directive of the government of Israel.”
एक्शन में अमेरिका : अमेरिका राष्ट्रपति बिडेन ने अमेरिकी सेना को ईरानी हमलों के खिलाफ इजरायल की रक्षा में सहायता करने और इजराइल को निशाना बनाने वाली मिसाइलों को मार गिराने का निर्देश दिया। इसके बाद अमेरिका ने कई ईरानी मिसाइलों को हवा में ही मार गिराया। अमेरिका का दावा है कि उसके 40,000 सैनिक पश्चिक एशिया में तैनात है। इजराइल की मदद के लिए अतिरिक्त सैनिकों को भी तैनात किया जा रहा है।
ट्रंप का बाइडन पर तंज : वहीं, पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हमले के लिए बाइडन प्रशासन को दोषी ठहराया। उन्होंने कहा कि दुनिया जल रही है और हालात काबू से बाहर हो रहे हैं। हमारे पास कोई नेतृत्व नहीं है, कोई भी देश को चलाने वाला नहीं है। हमारे पास जो बाइडन के रूप में बगैर वजूद वाला राष्ट्रपति है और कमला हैरिस के रूप में एक ऐसी बेखबर उपराष्ट्रपति हैं, जो सैन फ्रांसिस्को में धन जुटाने में बेहद व्यस्त हैं... कोई भी प्रभारी नहीं है और यह भी स्पष्ट नहीं है कि कौन अधिक भ्रमित है : बाइडन या कमला। दोनों में से किसी को भी पता नहीं है कि क्या हो रहा है।
महंगा हुआ कच्चा तेल : इजराइल पर ईरानी हमले के तुरंत बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल के दाम 5 फीसदी बढ़ गए। इंटरनेशनल मार्केट में आज कच्चा तेल 74 डॉलर के पार हो गया। WTI क्रूड 70.73 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा है। कहा जा रहा है कि मिडिल ईस्ट में संकट की वजह से कच्चे तेल के दाम 28 डॉलर तक बढ़ सकते हैं।
मिडिल ईस्ट में कितने देश : मिडिल ईस्ट में कुल 17 देश आते हैं। इनमें इजराइल, ईरान, इराक, लेबनान, सीरिया, जॉर्डन, सऊदी अरब, यमन, ओमान, बहरीन, कतर, संयुक्त अरब अमीरात और कुवैत शामिल है। इसमें गाजा और वेस्ट बैंक के फिलिस्तीनी क्षेत्र भी शामिल हैं, जिन्हें वास्तव में संयुक्त राष्ट्र द्वारा मान्यता प्राप्त देश नहीं माना जाता है।