न्यूयॉर्क। विश्व की सबसे शक्तिशाली महिलाओं में शुमार पेप्सीको की भारतीय मूल की मुख्य कार्यकारी इंदिरा नूई ने स्वीकार किया कि ऑफिस के काम और घर के जीवन के बीच संतुलन बिठाना मुश्किल हो गया है और महिलाओं को सबकुछ नहीं मिल सकता। उन्हें संदेह है कि उनकी बेटी उन्हें अच्छी मां मानती है।
कोलोरैडो में एस्पेन आइडियाज फेस्टिवल में 58 वर्षीय नूई ने बड़े बेबाक तरीके से कहा मुझे नहीं लगता कि महिलाएं सबकुछ पा सकती हैं। मुझे ऐसा बिलकुल नहीं लगता। हम सिर्फ दावा करते हैं कि हम हर कुछ हासिल कर सकती हैं।
उनसे पूछा गया था कि क्या वे महसूस करती हैं कि महिलाओं को सबकुछ मिल सकता है? नियमित रूप से फोर्ब्स और अन्य प्रकाशनों की विश्व की सबसे शक्तिशाली महिलाओं की सूची में नाम दर्ज करने वाली नूई ने कहा कि वे पति के साथ 2 बेटियों को पालने की प्रक्रिया में कई बार अपराधबोध के बोझ से दब गईं।
नूई ने कहा कि उन्हें बड़ा अपराधबोध महसूस होता था कि वे अपनी बेटियों के स्कूल की कई गतिविधियों में हिस्सा नहीं ले सकती थीं, क्योंकि वे छुट्टी नहीं ले पाती थीं।
उन्होंने कहा कि हर दिन आपको फैसला करना पड़ता है, क्या आप पत्नी या मां बनना चाहती हैं... दरअसल दिनभर में कई बार आपको ऐसे फैसले करने पड़ते हैं और मदद के लिए आपको कई लोगों को अपनाना होता है। हमने अपनी मदद के लिए अपने परिवार को चुना।
उन्होंने कहा कि हम अपने जीवन की योजना बेहद सावधानी से बनाते हैं ताकि हम अच्छे माता-पिता बन सकें। लेकिन यदि आप हमारी बेटियों से पूछें तो मुझे पक्का भरोसा नहीं लगता कि वे कहेंगी कि मैं अच्छी मां रही हूं। मुझे इसका पूरा भरोसा नहीं है और मैं इससे निपटने के लिए सभी तरह के तरीके अपनाती हूं।
नूई ने कहा कि जब मैं अपनी बेटियों के साथ नहीं हो पाती हूं तो मुझे बड़ा अपराधबोध होता है, लेकिन मैं धीरे-धीरे इस स्थिति से निपटना सीख गई। (भाषा)