हार का सिलसिला तोड़ने के लिए उतरेगा दिल्ली डेयरडेविल्स
शनिवार, 11 अप्रैल 2015 (11:50 IST)
नई दिल्ली। पिछले 2 सत्रों से हार से आजिज आ चुकी दिल्ली डेयरडेविल्स की टीम अपने घरेलू मैदान फिरोजशाह कोटला में रविवार को राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ होने वाले आईपीएल-8 के अपने दूसरे मैच में पराजयों का लंबा सिलसिला समाप्त करने की कोशिश करेगी।
डेयरडेविल्स को इस सत्र में चेन्नई में खेले गए अपने पहले मैच में मेजबान चेन्नई सुपरकिंग्स के हाथों 1 रन की करीबी हार झेलनी पड़ी। इस ट्वेंटी-20 टूर्नामेंट में उसकी यह लगातार 10वीं और 2013 से लेकर अब तक 31 मैचों में 26वीं हार है। उसने अपनी आखिरी जीत पिछले साल शारजाह में दर्ज की थी।
कोटला के मैदान से भी टीम की पिछले 2 सत्रों में सुखद यादें नहीं जुड़ी रहीं। उसने अपने घरेलू मैदान पर अंतिम जीत 2 साल पहले 21 अप्रैल 2013 को मुंबई इंडियंस के खिलाफ हासिल की थी। इसके बाद से उसने यहां लगातार 7 मैच गंवाए हैं। पिछले सत्र में कोटला में खेले गए सभी 5 मैचों में डेयरडेविल्स को हार का सामना करना पड़ा था।
डेयरडेविल्स ने इस बार भी अपनी टीम में आमूलचूल बदलाव किया है लेकिन चेन्नई में सुपरकिंग्स के हाथों 1 रन की करीबी हार से लगता है कि भाग्य अब भी उसके साथ नहीं है। उसकी तरफ से केवल एल्बी मोर्कल ही रन बना पाए जिन्हें बल्लेबाजी लाइनअप में किए गए बदलावों के तहत पिंच हिटर के रूप में ऊपरी क्रम में भेजा गया था।
मोर्कल ने नाबाद 73 रन बनाए लेकिन वे भी आखिरी गेंद को 6 रन के लिए भेजने में नाकाम रहे थे जिससे डेयरडेविल्स की हार का सिलसिला चेपक में नहीं टूट पाया।
श्रीलंकाई कप्तान एंजेलो मैथ्यूज पिछले मैच में नहीं खेल पाए थे। वे इस मैच में वापसी करेंगे जिससे डेयरडेविल्स की बल्लेबाजी ही नहीं, गेंदबाजी को भी मजबूती मिलेगी। डेयरडेविल्स के गेंदबाजों विशेषकर स्पिनरों ने पहले मैच में अच्छी भूमिका निभाई।
हालांकि उसके गेंदबाज डेथ ओवरों में रनों पर अंकुश लगाने में नाकाम रहे लेकिन उन्होंने बीच के ओवरों में चेन्नई के बल्लेबाजों को बांधे रखा था।
उम्मीद है कि इमरान ताहिर और अमित मिश्रा जैसे लेग स्पिनरों को कोटला की पिच अधिक रास आएगी, जहां गेंद धीमी और नीची रहती है। जहीर खान या मोहम्मद शमी को भी इस मैच में उतारा जा सकता है।
जहां तक राजस्थान रॉयल्स का सवाल है तो पिछले साल के उपविजेता किंग्स इलेवन पंजाब पर जीत से वह बुलंद हौसलों के साथ मैच में उतरेगी। वैसे भी पिछले साल उसने कोटला में डेयरडेविल्स को हराया था। यह अलग बात है डेयरडेविल्स की तरह वह भी अपने शीर्ष क्रम के बल्लेबाजों की नाकामी से परेशान होगा।
किंग्स इलेवन के खिलाफ पुणे में खेले गए मैच में यदि निचले क्रम में जेम्स फाकनर और दीपक हुड्डा ने तूफानी पारियां नहीं खेली होतीं तो टीम संकट में पड़ सकती थी।
टिम साउथी, क्रिस मौरिस और फाकनर की मौजूदगी में रॉयल्स का आक्रमण भी मजबूत है। प्रवीण ताम्बे ने स्पिन विभाग का जिम्मा अच्छी तरह से संभाले रखा है। रॉयल्स के गेंदबाजों ने जिस तरह से किंग्स इलेवन के धाकड़ बल्लेबाजों को परेशानी में रखा, यदि वे यही प्रदर्शन दोहराते हैं तो फिर डेयरडेविल्स की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।