IPL-8 : तीसरी बार खिताब जीतना चाहेगी चेन्नई

सोमवार, 6 अप्रैल 2015 (20:31 IST)
नई दिल्‍ली। इंडियन प्रीमियर लीग खिताब की दो बार की चैम्पियन चेन्नई सुपरकिंग्स इस बार तीसरी बार विजेता बनना चाहेगी। कैप्टन कूल महेंद्र सिंह धोनी के नेतृत्व में चेन्नई सुपरकिंग्स एक संतुलित और मजबूत टीम है। आइए जानते हैं आईसीसी अध्यक्ष और बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष एन.श्रीनिवासन के मालिकाना हक वाली इस टीम की खूबियां और खामियां।
खूबियां और ताकत : तीसरी बार खिताब पर नजरें दौड़ा रही चेन्नई इस बार ऑलराउंडर्स खिलाड़ि‍यों को ज्यादा मौका दे सकती है। टीम अनुभव और नये टेलेंट दोनों के बीच संतुलन स्थापित करना चाहेगी। धोनी, रैना, मैक्कुलम, स्मिथ और ब्रावो जैसे चेहरों को शामिल कर टीम आक्रमकता की रणनीति अपनाना चाहेगी। 
 
यह सभी शानदार बल्लेबाज हैं, जो रनगति को तेज करने में माहिर हैं। वहीं गेंदबाजी के छोर पर आर.अश्विन, सैमुल बैड्री, आशीष नेहरा, मैट हैनरी, इरफान पठान और मोहित शर्मा जैसे शानदार गेंदबाज किसी भी बल्लेबाजी को ध्वस्त करने की ताकत रखते हैं।
 
कमजोरी : वैसे तो हर टीम की कोई न कोई कमजोरी होती है, लेकिन चेन्नई सुपरकिंग्स की बड़ी कमजोरी टीम प्रबंधन पर पिछले साल लगे मैच फिक्सिंग के आरोप हैं। जिसका असर टीम पर मनोवैज्ञानिक रूप से पड़ेगा। जाहिर है ऐसे में पुराने मामलों से अलग हटकर खुदको खेल पर फोकस कर पाना टीम के लिए चुनौती होगी।
 
ये हैं स्टार प्लेयर्स : महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी और उनकी संकटमोचक की छबि से हर क्रिकेट प्रेमी परिचित हैं। सुरेश रैना के मिडिल ऑर्डर पर आकर कुछ तेज शॉट्स उन्हें कीमती बनाते हैं, जबकि कीवी बल्लेबाज ब्रैंडम मैक्कुलम की ताबड़-तोड़ पारियां कोई भूलना नहीं चाहेगा।
 
टीम का अब तक का सफर
 
2008 : चेन्नई सुपरकिंग्स ने लगातार शानदार प्रदर्शन करते हुए 2008 के फाइनल में जगह बनाई थी। लेकिन राजस्थान रॉयल्स से हार गई थी।
2009 : टीम का प्रदर्शन शानदार रहा, लेकिन टीम की फाइनल में पहुंचने की उम्मीद को रॉयल चैलेंजर्स बंगलुरु ने झटका दे दिया। दूसरे सेमीफाइनल में टीम हार गई।
2010 : यह साल टीम के लिए गोल्डन ईयर रहा। टीम ने आईपीएल-2010 के खिताब पर कब्जा कर लिया। फाइनल मैच में टीम ने मुंबई इंडियंस को हराया। इसके अलावा टीम ने अफ्रीका में खेली गई टी20 चैम्पियन्स टीम ट्रॉफी पर कब्जा किया।
2011 : टीम ने अपना पिछला प्रदर्शन जारी रखा और लगातार आईपीएल-2011 के खिताब पर भी कब्जा कर लिया।
2012 : टीम फाइनल में पहुंची, लेकिन कोलकाता नाइटराइडर्स से हार गई।
2013 : इस साल भी प्रदर्शन बहुत अच्छा रहा और टीम चौथी बार खिताब के फाइनल में पहुंची, लेकिन मुंबई इंडियंस के हाथ हार गई।
2014 : पिछले साल टीम ने 14 मैच खेले, जिसमें से केवल 9 ही जीत पाई। खराब प्रदर्शन से टीम क्वार्टरफाइनल में ही बाहर हो गई।
 
संभावना : दो बार की विजेता और लगातार अच्छे प्रदर्शन के लिए चर्चित टीम इस साल खिताबी दौड़ में आगे रह सकती है।
 
टीम : महेंद्र सिंह धोनी (कप्तान), आशीष नेहरा, ब्रैंडम मैक्कुलम, ड्वैन ब्रावो, ड्वैन स्मिथ, फ्रांसिस्को डूप्लेसिस, ईश्वर पांडे, मैट हैनरी, मिथुन, मिन्हास, मोहित शर्मा, पवन नेगी, आर अश्विन, रवींद्र जडेजा, सैमुअल बैड्री, सुरेश रैना, रोहित मोरे, माइकल हसी, राहुल शर्मा, कैल एबॉट, अंकुश बैंस, इरफान पठान, प्रतुश सिंह, एंड्रयू टाय, एकलव्य दि्वेदी। 
(khabar.ibnlive.in.com से)

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