साबित हो गया कि धोनी बिन सब सून, चेन्नई सुपरकिंग्स भी और टीम इंडिया भी

सीमान्त सुवीर
37 साल के महेंद्र सिंह धोनी चेन्नई सुपरकिंग्स ही नहीं, बल्कि भारतीय क्रिकेट टीम के लिए भी कितने अहम हैं, यह बात अच्छी तरह से सबको समझ में आ जानी चाहिए। आईपीएल में शुक्रवार को मुंबई इंडियंस ने चेन्नई के किले में सेंध लगाई और उसे उसी के घर में 46 रनों से हरा दिया। मुंबई ने यह एकतरफा मुकाबला तब जीता, जब धोनी बुखार में पीड़ित होने की वजह से होटल में ही आराम कर रहे थे।
 
चेपॉक स्टेडियम में हजारों दर्शकों की 'यलो ब्रिगेड' को शाम 7.30 बजे जब यह मालूम हुआ कि मैच में धोनी नहीं खेल रहे हैं तो वे बेहद निराश हो गए। क्रिकेट में दखल रखने वालों ने भी अनुमान लगा लिया कि धोनी नहीं है तो चेन्नई के हाथ से गया यह मैच...और हुआ भी ठीक वैसा ही। 
 
चेन्नई सुपरकिंग्स को 3 बार आईपीएल में चैंपियन बनाने वाले धोनी टीम की 'बैकबोन' हैं, रणनीतिकार हैं और खुद के दम पर मैच जिताने का माद्दा भी रखते हैं। चेन्नई को जीत के लिए 155 रनों का लक्ष्य मिला था लेकिन पूरी टीम 17.4 ओवर में मात्र 109 रनों पर ही धराशायी हो गई। यकीनन बुखार में तप रहे धोनी ने होटल के टीवी पर जब मैच देखा होगा तो सिर पकड़ लिया होगा।
मुंबई ने रोहित शर्मा के 67 रनों की मदद से 20 ओवरों में 4 विकेट खोकर 155 रन बनाए थे। 16 पारियों के बाद यह पहला अवसर था, जब रोहित के बल्ले ने धार पकड़ी और वे अर्द्धशतक लगाने में सफल हुए।
 
पिछले मैच में 96 रन बनाने वाले शेन वॉटसन को पहले ही ओवर में 8 रन पर जब लसिथ मलिंगा ने पैवेलियन भेजा, तभी से चेन्नई की बल्लेबाजी की कब्र खुदना शुरू हो गई थी। चेन्नई के 8 बल्लेबाज दोहरी संख्या तक भी नहीं पहुंचे जबकि सलामी बल्लेबाज मुरली विजय 38 रन बनाकर टॉप स्कोरर बने।
धोनी के मैदान पर नहीं होने का सबसे ज्यादा फायदा मलिंगा ने उठाया और 22 गेंदों में 4 विकेट झटक डाले। 100 रन के भीतर ही चेन्नई के 7 बल्लेबाज ड्रेसिंग रूम में तालियां बजाने को पहुंच चुके थे और शेष 9 रन में 3 दूसरे बल्लेबाज भी लटके हुए मुंह से हताशा के भाव में मुंबई को शानदार तरीके से जीतता हुआ देखते रहे। 
 
धोनी यदि मैच में होते तो क्या मुंबई जीत का जश्न मना पाता? शायद नहीं, क्योंकि माही की बाजुओं में मैच का पांसा बदलने की कूवत है। कई मौकों पर वे टीम को हारा हुआ मैच जितवा चुके हैं, सिर्फ अपने लंबे अनुभव के बूते पर। इस मैच से पहले आईपीएल 12 में धोनी सनराइजर्स के खिलाफ भी नहीं खेले थे और तब भी चेन्नई की एकतरफा हार हुई थी।
 
चेन्नई ने कुल 4 मुकाबले धोनी के बिना खेले और 3 हारे। टीम को 1 मई को दिल्ली से चेन्नई और 5 मई को पंजाब से मोहाली में अगले मैच खेलने हैं और दोनों में धोनी मौजूद रहेंगे। आप खुद देखिएगा कि इस टीम में वे कैसा जोश भर देंगे? यकीनन मुंबई इस जीत से 14 अंक लेकर दिल्ली कैपिटल्स को दूसरे से तीसरे नंबर पर धकेलने में कामयाब हुई जबकि चेन्नई हारकर भी अंक तालिका में 16 पॉइंट के साथ टॉप पर है।
सबने देखा है कि धोनी ने आईपीएल में 185 मैचों की 165 पारियों में 4,330 रन बनाकर अपना रुतबा कायम किया है। उनमें वह जोश और जज्बा है कि अपने दम पर वे चौथी बार चेन्नई को आईपीएल का 'सरताज' बना दें।

यह बात तो पूरा देश ही नहीं बल्कि क्रिकेट खेलने वाले तमाम देश मानते हैं कि धोनी चेन्नई सुपरकिंग्स के लिए ही नहीं, टीम इंडिया के लिए सबसे 'कीमती'‍‍ खिलाड़ी हैं। धोनी हैं तो चेन्नई सुपरकिंग्स है, टीम इंडिया है, उनके बिन सब सून...

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