नई दिल्ली: राजस्थान रॉयल्स (आरआर) की टीम पिछले साल अपना दूसरा इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) खिताब जीतने के करीब पहुंची थी लेकिन गुजरात टाइटन्स ने पदार्पण वर्ष में ट्राफी हथियाकर उनके लिये इसे निराशाजनक बना दिया था।अब राजस्थान की टीम अपने मैच विजेता खिलाड़ियों के साथ 31 मार्च से शुरु हो रहे आगामी सत्र में बेहतर प्रदर्शन करने के लिये बेताब होगी।टीम ने हालांकि कुछ खिलाड़ियों के चोटिल होने के बावजूद अपनी कोर टीम बरकरार रखी है।राजस्थान रॉयल्स का स्वोट (स्ट्रेंथ, वीकनेस, ऑपोरच्यूनिटीज, थ्रेट - मजबूती, कमजोरी, मौके और खतरा) विश्लेषण इस प्रकार है।
मजबूती:टीम की मजबूती इसका बल्लेबाजी लाइन-अप है जिसमें यशस्वी जायसवाल और जोस बटलर की सलामी जोड़ी खतरनाक और यह सबसे ताकतवर दिखती है। टूर्नामेंट की अन्य टीमें इस जोड़ी से सतर्क रहेंगी।
इंग्लैंड टी20 कप्तान बटलर 2023 सत्र तक लगातार रन बना रहे हैं। जायसवाल भी शानदार फॉर्म में हैं। उन्होंने विजय हजारे ट्राफी में लगभग 80 की औसत से 396 रन बनाए, वहीं सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में 141.48 के शानदार स्ट्राइक रेट से 266 रन बनाए। बाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने बांग्लादेश ए के खिलाफ भारत ए के लिए शतक भी लगाया।
टीम के मध्य क्रम में जो रूट और देवदत्त पडिक्कल, शिमरोन हेटमायर और प्रतिभाशाली रियान पराग के साथ कप्तान संजू सैमसन शामिल हैं।रविचंद्रन अश्विन और युजवेंद्र चहल की अनुभवी जोड़ी के साथ आस्ट्रेलियाई एडम जम्पा की मौजूदगी से स्पिन विभाग मजबूत दिखता है।
कमज़ोरी:सीमित ओवरों के क्रिकेट में एक हरफनमौला की भूमिका बहुत अहम होती है, जिसमें टीम कमजोर हो सकती है।वेस्टइंडीज के जेसन होल्डर के तौर पर टीम के पास एक ही बेहतरीन आलराउंडर है, लेकिन दक्षिण अफ्रीका के डोनोवन फेरेरा और घरेलू क्रिकेटर अब्दुल बासिथ और आकाश वशिष्ठ को अभी इस स्तर पर परखा नहीं जा सका है।
लेकिन 'इम्पैक्ट प्लेयर' नियम टीम के लिए बचाव का रास्ता बन सकता है क्योंकि इससे एक आलराउंडर की जरुरत कम हो जाती है।जयपुर की टीम के लिये गेंदबाजी चिंता का कारण हो सकती है।
ट्रेंट बोल्ट को छोड़कर तेज गेंदबाजी आक्रमण सामान्य दिखता है। पीठ में फ्रैक्चर के कारण प्रसिद्ध कृष्णा आईपीएल में नहीं खेल पायेंगे जिससे राजस्थान रॉयल्स के लिये चीजें खराब हो गयीं। अब जिम्मेदारी नवदीप सैनी, कुलदीप सेन और वेस्टइंडीज के ओबेद मैकॉय पर होगी।
तेज गेंदबाजी जहां चिंता का विषय है तो स्पिन आक्रमण अश्विन, चहल और जम्पा के सुरक्षित हाथों में है जो टूर्नामेंट में सर्वश्रेष्ठ में से एक है।
मौके :तेज गेंदबाजी विभाग कमजोर दिख रहा है लेकिन सैनी, सेन, केएम आसिफ और दिल्ली के बाएं हाथ के तेज गेंदबाज कुलदीप यादव के लिए आगामी सत्र अपनी छाप छोड़ने और अपनी उपस्थिति दर्ज कराने का एक बड़ा मौका हो सकता है।साथ ही आगामी सत्र होल्डर और जम्पा को भी मौके प्रदान करेगा।
खतरा :पिछले रिकॉर्ड को देखें तो टूर्नामेंट राजस्थान रॉयल्स के लिए इतना अच्छा नहीं रहा है क्योंकि उनके नाम असफलताओं का इतिहास रहा है।टीम ने 2008 में दिवंगत शेन वार्न की कप्तानी में शुरुआती चरण का खिताब जीता था लेकिन इसके बाद पिछले साल तक यह सफर निराशाजनक रहा। पिछले साल टीम उपविजेता रही।