गूगल की रोबोट कार इंसानों से हुई परेशान (वीडियो)

गुरुवार, 3 सितम्बर 2015 (12:18 IST)
गलतियां इंसान ही करता है, मशीनें नहीं। यह बात हालिया गूगल की नई ऑटोमैटिक कार की टेस्टिंग के दौरान सामने आई है। गूगल ने ऐसी रोबोट कार बनाई है, जिसके लिए इंसान ड्राइवरों की आवश्यकता नहीं पड़ेगी, लेकिन इस कार की सबसे बड़ी परेशानी इंसानी ड्राइवर ही बन रहे हैं। गूगल ने खुद इस बात का खुलासा किया है।
गूगल के मुताबिक अब तक कार की टेस्टिंग में 16 दुर्घटनाएं हुई हैं, जिनमें से अधिकतर दुर्घटनाएं इंसानी गलती के कारण हुई है। गूगल की जानकारी के मुताबिक एक जेब्रा क्रॉस पर पैदल सड़क पार करने वाले शख्स के लिए गूगल कार धीमी हुई ही थी कि पिछली तेज रफ्तार कार ने टक्कर ने टक्कर मार दी। पैदल शख्स तो बच गया लेकिन गूगल काम में बैठे गूगल के कर्मचारी को चोट आई। गूगल के मुताबिक उनसे अपनी 25 कारों के लिए 19 लाख मील का ट्रायल कर लिया है जिसमें से सिर्फ 16 बार कार दुर्घटना का शिकार हुई है। अंदर बैठे शख्स को तो सिर्फ एक बार चोट लगी है। 
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गूगल का कहना है कि कार को इस तरह प्रोग्राम किया जाता है कि वह ट्रैफिक के हर नियम का पालन करे, लेकिन गूगल इस बात की शिकायत करता है कि इंसान ये नियम नहीं मानते और इसी कारण दुर्घटनाएं होती हैं। 
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नहीं होगा इंसानी ड्राइवर का कंट्रोल : गूगल की यह कारों से एकदम अलग है। इंजन स्टार्ट करने और बंद करने के लिए दो अलग बटन हैं। इसके अलावा कोई कंट्रोल नहीं हैं। इस कार में स्टेयरिंग व्हील और क्लच, एक्सीलेटर या ब्रेक तक नहीं हैं। कार में बैठने वाले व्यक्ति का इस पर कोई कंट्रोल नहीं होगा। कार के लिए अलग तरह का सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर हैं। 
 
(Video Courtesy : youtube)
सारे काम कम्प्यूटर करेगा : इसमें कार के पास अपना कम्प्यूटर होगा। कम्प्यूटर सेंसर, रेडार, लेजर और कैमरे के लिए जरिए डाटा हासिल करेगा और इसी आधार पर फैसला करेगा। कारों को इस तरह तैयार किया जा रहा है कि अंदर बैठने वाला सिर्फ अपने पहुंचने की जगह लिखे और कार उसे गंतव्य तक पहुंचा देगी।  इसके लिए जीपीएस सिस्टम और मैप की सुविधा भी होगी। रोड पर मौजूद ट्रैफिक, मोड पर टर्न या रेड लाइट पर रुकने जैसी चीजें कार खुद ही करेगी। (एजेंसियां)

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