अब आपका पैन कार्ड आसानी से बन जाएगा। वित्त मंत्रालय इसके लिए एक योजना तैयार कर रहा है। यह फार्मूला ठीक वैसे ही है जैसे मोबाइल ऑपरेटर नए ग्राहकों को सिम कार्ड जारी करते हैं। इसके साथ ही वित्त मंत्रालय टैक्स चुकाने वालों को राहत देने के प्रयास भी कर रहा है। वित्त मंत्रालय ने आयकर विभाग को ऐसा एप बनाने के लिए कहा जिससे आसानी ऑनलाइन टैक्स रिटर्न किया जा सकेगा।
सिमकार्ड की तरह पैन कार्ड जारी करने के लिए केंद्र सरकार ने आधार का इस्तेमाल करते हुए ई-केवाईसी का फॉर्मूला अपनाया है। लिहाजा स्मार्टफोन मोबाइल पर इस एप के जरिए कोई भी अपनी पहचान को वेरिफाई करा सकता है। टैक्स विभाग को भी रियल टाइम में प्रत्येक व्यक्ति के पैन के जरिए उसका पता और जानकारी मिल सकेगी।
मौजूदा समय में पैन कार्ड बनवाने में 2 से 3 हफ्ते का समय लगता है। इस फॉर्मूले पर पैन जारी करने में यह काम अब कुछ मिनटों में पूरा कर लिया जाएगा। इस कदम से जहां कंपनियों और आम आदमी को रियल टाइम में पैन कार्ड दिया जा सकेगा वहीं टैक्स विभाग अब पैन कार्ड का प्रयोग कारोबारी की पहचान के लिए भी कर सकेंगे।
शुरुआती चरण में काम : अधिकारियों ने बताया कि एप की अवधारणा शुरुआती चरण में है। वित्त मंत्रालय से मंजूरी मिलने के बाद प्रायोगिक परियोजना शुरू की जाएगी। इस एप के जरिए कर का ऑनलाइन भुगतान किया जा सकेगा, पैन के लिए आवेदन किया जा सकेगा व कर रिटर्न को देखा जा सकेगा।
आधार के जरिए ईकेवाईसी से पैन आवेदक से जुड़ी जानकारी का सत्यापन तेजी से संभव होगा। अब तक 111 करोड़ से अधिक आधार जारी किए गए हैं। देशभर में इस समय 25 करोड़ से अधिक पैन कार्डधारक हैं। हर साल देशभर से 2.5 करोड़ लोग पैन के लिए आवेदन करते हैं।