विश्लेषणों के मुताबिक वोडाफोन इंडिया और आइडिया सेल्यूलर के विलय से देश की सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी की शुरुआत होगी, जिसका आकार 23 अरब डॉलर यानी 1.5 लाख करोड़ रुपए से अधिक होगी। नई कंपनी की बाजार में हिस्सेदारी 35 प्रतिशत और इसके ग्राहकों की संख्या लगभग 43 करोड़ होगी।
समूह की कंपनी हिंडाल्को के सम्मेलन में एक सवाल के जवाब में बिड़ला ने कहा, ‘हां, हमें दूरसंचार विभाग से अंतिम मंजूरी मिल गई है।’यह सरकार से मंजूरी मिलने की पहली आधिकारिक स्वीकृति है। इससे पहले पीटीआई भाषा ने सरकारी अधिकारियों के हवाले से खबर की थी कि सरकार ने वोडाफोन इंडिया और आइडिया सेल्युलर के विलय को अंतिम मंजूरी दे दी है।
बिड़ला ने कहा कि वोडाफोन और आइडिया का एकसाथ आना हमारे लिए एक रोमांचक यात्रा की शुरुआत है। यहां से असल काम शुरू होता है और हम देखेंगे... हम इसके बारे में काफी उत्साहित हैं।’बिड़ला संयुक्त कंपनी के गैर - कार्यकारी चेयरमैन होंगे तथा वोडाफोन इंडिया के मौजूदा मुख्य परिचालन अधिकारी बालेश शर्मा संयुक्त कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी होंगे।
यह पूछे जाने पर कि संयुक्त कंपनी का परिचालन शुरू होने में कितना समय लगेगा, बिड़ला ने कहा, ‘इसमें कुछ सप्ताह लगेंगे।’उन्होंने कहा कि नई कंपनी की ब्रांडिंग पर कंपनियों ने अभी कोई निर्णय नहीं लिया है।
उल्लेखनीय है कि आइडिया सेल्युलर और वोडाफोन इंडिया ने अपने मोबाइल कारोबार के विलय के लिए विरोध दर्ज करते हुए दूरसंचार विभाग को 7,248.78 करोड़ रुपए का भुगतान किया। इससे पहले दूरसंचार विभाग ने 9 जुलाई को दोनों कंपनियों को सशर्त विलय की अनुमति दी थी। (भाषा)