आचार्यश्री विद्यासागरजी का जीवन परिचय

संकलन : राजश्री कासलीवाल 


 


विश्व-वंदनीय जैन संत आचार्यश्री 108 विद्यासागरजी महाराज भारत भूमि के प्रखर तपस्वी,  चिंतक, कठोर साधक, लेखक हैं। जानिए आचार्यश्री आचार्यश्री विद्यासागरजी का जीवन परिचय। 

पूर्व नाम :  श्री विद्याधरजी
पिताश्री : 
श्री मल्लप्पाजी अष्टगे (मुनिश्री मल्लिसागरजी)
माताश्री :  श्रीमती श्रीमंतीजी (आर्यिकाश्री समयमतिजी)
भाई/बहन : 
चार भाई, दो बहन
जन्म स्थान :  चिक्कोड़ी (ग्राम- सदलगा के पास), बेलगांव (कर्नाटक)
जन्मतिथि :  आश्विन शुक्ल पूर्णिमा (शरद पूर्णिमा) वि.सं. 2003, 10-10-1946, गुरुवार, रात्रि  में 12.30 बजे।
जन्म नक्षत्र :  उत्तरा भाद्रपद। 
मातृभाषा :  कन्नड़। 
शिक्षा :  9वीं मैट्रिक (कन्नड़ भाषा में)
ब्रह्मचर्य व्रत :  श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र, चूलगिरि (खानियाजी), जयपुर (राजस्थान)
प्रतिमा :  सात (आचार्यश्री देशभूषणजी महाराज से)
स्थल :  1966 में श्रवणबेलगोला, हासन (कर्नाटक)
मुनि दीक्षा स्थल :  अजमेर (राजस्थान)
मुनि दीक्षा तिथि : आषाढ़ शुक्ल पंचमी, वि.सं. 2025, 30-06-1968, रविवार
आचार्य पद तिथि:  मार्गशीर्ष कृष्ण द्वितीया- वि.सं. 2029, दिनांक 22-11-1972, बुधवार
आचार्य पद स्थल :  नसीराबाद (राजस्थान) में, आचार्यश्री ज्ञानसागरजी ने अपना आचार्य पद प्रदान किया।