Jammu Kashmir news in hindi : रामबन त्रासदी के बाद राष्ट्रीय राजमार्ग पर विभिन्न स्थानों पर हजारों यात्री फंसे हुए हैं। एनजीओ ने राजमार्ग पर फंसे यात्रियों को भोजन कराने के लिए बड़े पैमाने पर प्रयास शुरू किए हैं। दरअसल इस त्रासदी के बाद वे ही उनके लिए सहारा बने हुए हैं क्योंकि अगले पांच दिनों तक राजमार्ग के खुलने के कोइ्र आसार नहीं दिख रहे हैं।
कई गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) और व्यक्तियों ने फंसे हुए यात्रियों को आवश्यक भोजन और आपूर्ति प्रदान की है, खासकर रामबन क्षेत्र में, जो सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है।
स्थानीय एनजीओ से जुड़े स्वयंसेवक इरशाद अहमद ने बताया कि खाद्य पदार्थों की कमी के कारण लोगों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। रामबन के पास फंसे लोगों के लिए स्थिति विशेष रूप से चिंताजनक है। हमने यात्रियों को कुछ राहत प्रदान करने का फैसला किया था।
एक अन्य स्वयंसेवक मेहराज, जो भोजन के पैकेट वितरित करने के लिए दोस्तों के एक समूह के साथ बनिहाल से यात्रा कर रहे थे, ने कहा कि हम लोगों को पीड़ित होते हुए देखकर घर पर नहीं बैठ सकते थे। हमने पैसे जमा किए, भोजन पकाया और जितने लोगों तक हम पहुँच सके, उनके लिए पानी की बोतलें और नाश्ता लाया।
इस बीच, यात्रियों ने आभार व्यक्त किया और सरकार से प्रयास बढ़ाने का आग्रह भी किया। बारामुल्ला के एक ट्रक ड्राइवर जहूर अहमद ने कहा कि हम 48 घंटे से ज़्यादा समय से यहां फंसे हुए हैं। यहां बहुत ठंड है और हमारे पास खाने-पीने का सामान भी नहीं है। अगर ये स्वयंसेवक न होते, तो हमें नहीं पता कि हम क्या करते।
राजस्थान की एक पर्यटक मीनाक्षी ने कहा कि हमें नहीं पता था कि स्थिति इतनी ख़राब होगी। यहां बच्चे और बुज़ुर्ग लोग हैं। इन एनजीओ ने जो दयालुता दिखाई है, वह दिल को छू लेने वाली है, लेकिन प्रशासन को भी तुरंत हस्तक्षेप करना चाहिए था।
यातायात अधिकारियों ने कहा कि क्षेत्र में भारी बारिश के कारण लगातार भूस्खलन के कारण राजमार्ग बंद किया गया था। एक वरिष्ठ यातायात पुलिस अधिकारी ने बताया कि राजमार्ग पुनर्स्थापना का काम चल रहा है, लेकिन बीच-बीच में मौसम की खराबी के कारण प्रगति में बाधा आ रही है।