1. चमत्कारेश्वर हनुमान मंदिर, कोटा (राजस्थान): कोटा से 15 किलोमीटर दूर नान्ता गांव स्थित चमत्कारेश्वर हनुमान मंदिर। इस मंदिर में मंगलवार और शनिवार को भक्तों की भीड़ उमड़ती है। कहते हैं कि इस मंदिर में स्थापित हनुमानजी की मूर्ति चंबल नदी से निकली थी। यहां के पुजारी का दावा है कि यहां हनुमानजी खुद पर्चे पर लिखकर भक्तों के सवालों का जवाब देते हैं। मुख्य पुजारी एक कोरे कागज को हनुमानजी की छाती पर लगा देते हैं। कुछ देर बाद उसे निकालते हैं तो पर्चे पर सिंदुर से भक्ति के सवालों का उत्तर लिखा हुआ मिलता है। दोपहर 12 बजे तक ही यह क्रम चलता है उसके बाद नहीं। यहां आपको अर्जी लगाना पड़ती है तब पर्चा बनता है। कहते हैं कि 35 सालों से यह सिलसिला जारी है।
3. केसरी नंदन हनुमान मंदिर छिंदवाड़ा (मध्यप्रदेश): छिंदवाड़ा के केसरी नंदन हनुमान मंदिर में भक्त पर्ची में अपनी मनोकामनाएं लिखकर बजरंगबली से अर्जी लगाते हैं। मान्यता है कि मंगलवार और शनिवार को यहां लगाई हुई कोई अर्जी खाली नहीं जाती. सभी मांगे पूरी हो जाती हैं। यह देश भर में अयोध्या के बाद दूसरा और प्रदेश का इकलौता दक्षिणमुखी हनुमान मंदिर है. लोगों की मान्यता है कि सैकड़ों साल पहले यहां हवन कुंड के बीचो-बीच दक्षिणमुखी हनुमान जी की प्रतिमा प्रकट हुई थी. तब से ही यहां पर लोग लिखित आवेदन के जरिए अपनी अर्जी लगाते हैं।
5. अर्जी वाले हनुमान मंदिर, भोपाल (मध्यप्रदेश): भोपाल के नेहरू नगर में एक ऐसा मंदिर है जिन्हें अर्जी वाले हनुमान जी का मंदिर कहा जाता है। यह मंदिर पूरे देश में प्रसिद्ध है। यहां पर देश-विदेश से लोग अपनी मनोकामना के लिए अर्जी लगाते हैं।
6. अर्जी वाला हनुमान मंदिर, उज्जैन (मध्यप्रदेश): अर्जी वाले हनुमान जी का मंदिर उज्जैन में महाकाल मंदिर के पास स्थित है। यहां पर देश विदेश से हजारों अर्जियां लगाते हैं। यहां पर तीन अर्जी लगाने से शर्तिया मनोकामना पूर्ण हो जाती है। पहली अर्जी एक भावना की अर्जी, दूसरी अर्जी भाव की अर्जी और तीसरी अर्जी समर्पण की अर्जी होती है। इसके पीठाधीश्वर निरंजनी अखाड़े के वरिष्ठ महामंडलेश्वर स्वामी प्रेमानंद पुरी जी महाराज हैं. यह मंदिर विशेषकर अपनी अर्जी लगाने की प्रथा के लिए जाना जाता है, जहां भक्त अपनी मनोकामनाएं लिखकर नारियल के साथ लाल कपड़े में भगवान को चढ़ाते हैं या व्हाट्सऐप के माध्यम से अपनी अर्जियां भेजते हैं।