हनुमानजी की उपासना में क्या करें, क्या न करें, 10 काम की बातें

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चैत्र मास की पूर्णिमा तिथि को हनुमान जयंती मनाई जाती है। इस बार यह पर्व 19 अप्रैल को है। हनुमान जी कलयुग में भी जीवित देवता है। 
 
हनुमानजी बहुत जल्दी प्रसन्न होने वाले देवता हैं। हनुमान जयंती के मौके पर आइए जानते हैं किस प्रकार से हनुमानजी की उपासना करनी चाहिए ताकि उसका पूरा फल मिल सके।
 
* हनुमानजी को प्रसाद में बूंदी के लड्डू बहुत प्रिय होता है लेकिन हनुमान जी की उपासना में चरणामृत का प्रयोग नहीं किया जाता।
 
* हनुमानजी की पूजा करते समय ब्रह्राचर्य व्रत का पालन करना आवश्यक होता है। हनुमान जी की उपासना करते समय किसी भी प्रकार की कामुक चर्चा नहीं करनी चाहिए।
 
* हिन्दू धर्म के अनुसार हनुमानजी की उपासना का सबसे शुभ दिन मंगलवार और शनिवार का दिन का होता है।
 
* हनुमानजी की उपासना में लाल रंग के फूल, शुद्ध देसी घी या तिल के तेल का प्रयोग करना चाहिए।
 
* मंगलवार के दिन हनुमान जी को विशेष रूप से सिंदूर और लाल रंग की मिठाई प्रसाद स्वरूप जरूर चढ़ाएं।
 
* हनुमानजी की मूर्ति को घर में ऐसे रखना चाहिए कि उनकी दृष्टि दक्षिण दिशा की तरफ हो।
 
* हनुमानजी की पूजा से पहले भगवान राम जी का अवश्य ध्यान लगाएं।
 
* हनुमानजी की पूजा संध्या काल या सूर्यास्त के बाद में ही करना शुभ माना जाता है।
 
* हनुमान जी की उपासना में तुलसीदल जरूर अर्पित करना चाहिए।
 
* अगर आपके काम में लगातार बाधाएं आ रही हैं और तमाम कोशिशों के बावजूद काम नहीं बन रहा है, तो हनुमान जयंती के दिन श्री बजरंगबली को इत्र और गुलाब की माला चढ़ाएं।

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