पंपावती नदी के तट स्थित श्री सरस्वती नंदन स्वामी भजनाश्रम में तीन दिनी अखंड नाम संकीर्तन का शुभारंभ मंगलवार शाम शोभायात्रा के साथ हुआ। पूर्णाहुति 11 जून को होगी। बड़ौदा की भजन मंडली ने नया बस स्टैंड के गणपति मंदिर से भजनों की धुन प्रारंभ की तो इंद्र देव ने भी बरसकर साथ दिया। तेज वर्षा और आँधी-तूफान के बीच शोभायात्रा चलती रही। पूरे रास्ते श्रद्वालु नाचते-गाते गुरुद्वारा पहुँचे। यहाँ गुरुदेव की महाआरती उतारी गई। बुधवार सुबह 5 बजे अखंड कीर्तन की प्रथम मंगल आरती और 9 बजे श्रृंगार आरती हुई। इसके साथ ही कीर्तन का दौर चलता रहा। सुबह लगभग 10 बजे क्षेत्रीय विधायक वालसिंह मेड़ा ने भजनाश्रम में गुरुदेव की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की। उन्होंने वार्ड 7 में गुरुद्वारा चौराहे पर चबूतरा निर्माण के लिए 51 हजार रुपए की घोषणा की। उल्लेखनीय है कि श्री सरस्वती नंदन स्वामी 19वीं सदी में पहली बार पेटलावद पधारे थे। यहाँ भजनाश्रम में उन्होंने कुछ समय के लिए समाधि ली थी। तभी से सैकड़ों परिवार भक्त मंडल के रूप में यहाँ से जुड़े हैं। थांदला में भी गुरुदेव भक्त मंडल द्वारा प्रतिवर्ष सात दिवसीय अखंड कीर्तन का आयोजन किया जाता है। भजन मंडल के भूदेव आचार्य, महेन्द्र अग्रवाल, अरविन्द भट्ट, नरेश नारायण शुक्ला, राजेन्द्र प्रसाद अग्निहोत्री, अनंत नारायण चतुर्वेदी, ओमप्रकाश बैरागी, तुषार भट्ट, नामदेव आचार्य, योगेश सालवी, धर्मेन्द्र द्विवेदी आदि ने भक्तों से धर्म लाभ लेने की अपील की है। अखंड कीर्तन की पूर्णाहुति 11 जून को होगी। -निप्र फोटो फाइल नाम 7पेटलावद- गुरुदेव का पूजन करते विधायक श्री मेड़ा।