सहिष्णुताओं की आधारशिला पर,
भारत भुवन-भास्कर चमके।
त्याग, संकल्प, बलिदानों के दम,
अविचल, अखंड, अशेष खड़ा है।
कई संस्कृतियों को इस भारत,
ने अपने हृदय विशाल में जड़ा है।
धर्म, सहिष्णुता, राष्ट्रभक्ति,
जीवन मूल्यों को कर अवधारित।
एक राष्ट्र की परिकल्पनाएं,
हर मन में हो प्रतिकल्पित।
सांप्रदायिक कलुष मिटे,