बाल कविता : ठीक नहीं चोरी का काम

प्रभुदयाल श्रीवास्तव
इ ट्टू बिट्टू किट्टू राम,
तोड़ लाए चोरी से आम।
पकड़े गए मगर तीनों,
चुका दिए चुपके से आम।
 
बोले चाचा माफ करो,
नहीं करेंगे अब यह काम।
नहीं बताना बापू को, 
अम्मा को हम सबके नाम।
 
चाचा बोले नहीं चाहिए,
बच्चों तुमसे कुछ भी दाम।
वादा कर लो चोरी का, 
नहीं करोगे फिर से काम।
 

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