अंटार्कटिका के समुद्र तल में मौत का 'बर्फीला अजूबा'
शुक्रवार, 25 नवंबर 2011 (12:17 IST)
हाल ही में अंटार्कटिका के समुद्र में बीबीसी के फिल्म क्रू ने एक ऐसा वाकया फिल्माया जिसके बारे में अब तक केवल सुना गया था। बर्फीले समुद्रों में वैज्ञानिकों ने अक्सर 'आईसिकल' या 'हिमलंब' देखे हैं जो अपने संपर्क में आने वाली किसी भी वस्तु को जमा देते हैं। अंटार्कटिका में इस प्राकृतिक अजूबे को पहली बार फिल्माया गया है। समुद्र के नीचे फिल्माए गए इस अजूबे को देखने से हैरान करने वाली बातें पता चलती है।
जमीन पर बनने वाले बर्फ के नुकीले लटकते शूलों की बर्फीले समुद्र में जमी हुई सतह के भीतर पानी में भी हिमलंब बनते हैं जो धीरे-धीरे सीधे और लंबे आकार में पानी को जमाते हुए अपने वजन के कारण नीचे की ओर समुद्र तल की और बढ़ते जाते हैं। समुद्र के नमकीन पानी को जमाते हुए तल में पहुंचने के बाद हिमलंब समुद्रतल को जमाते हुए आगे सरकता है। यह इतना ठंडा होता है कि अपने संपर्क में आने वाली हर प्राणी जैसे तारामीन (स्टारफिश), समुद्री वनस्पति और झींगे या घोंघा जैसे छोटे जलीय जंतुओं को तुरंत जमा कर बर्फ बना देता है।
इसी कारण वैज्ञानिको ने इसे 'मौत का हिमलंब' नाम दिया है। यह हिमलंब अत्यधिक ठंडे पानी में तब बनता है जब समुद्री सतह पूरी तरह बर्फ से ढ़ंक जाती है। बर्फ से ढंके समुद्र के भीतर पानी में लगातार बहती धाराओं में जब कोई ठंडी धारा मिलती है तो धीरे-धीरे सतह से तल की और हिमलंब का निर्माण होता है। जमी हुई बर्फ के वजन से हिमलंब तल की और बढ़ना शुरू कर देता है। इस प्रकिया में कई दिन या हफ्ते भी लग सकते हैं।
लेकिन बीबीसी कैमरा दल के सदस्यों का कहना है कि उन्होंने अपनी आंखों के सामने ही 5-6 घंटों में ही हिमलंब का निर्माण होते देखा है। फ्रोजन प्लैनेट नामक कार्यक्रम के लिए फिल्माए जाने के बाद बीबीसी कैमरामैन ह्यू मिलर और डग एंडरसन बेहद उत्साहित हैं। दोनों ने शून्य से कई डिग्री कम तापमान में अंटार्कटिका के नजदीक लिटिल रैजरबैक आइलैंड पर इसे फिल्माने में कई दिनों तक कड़ी मेहनत की।
हिमलंब के अस्तित्व के बारे में वैज्ञानिकों को 1960 में पता चला था लेकिन यह पहला अवसर है जब इसे बनते हुए फिल्माया गया है। इस फिल्म से वैज्ञानिकों को बर्फीले अंटार्कटिका के कुछ जटिल रहस्य समझने में सहायता मिलेगी।