क्यूरियोसिटी रोवर करेगा चट्टानी सतह की तलाश

शुक्रवार, 16 नवंबर 2012 (14:07 IST)
PTI
रेत में काफी समय गुजार लेने के बाद मंगल की सतह पर मौजूद क्यूरियोसिटी रोवर चट्टानी सतह की तलाश में निकलने के लिए तैयार है।

छह पहियों वाले इस रोवर को एक माह से भी ज्यादा समय तक रेत में खड़ा रखा गया था। वहां यह सतह की मिट्टी को खोदने, वातावरण की गंध लेने और विकिरण के स्तर को मापने में व्यस्त था। इसका अगला कार्य एक चट्टान पर ध्यान केंद्रित करना है और इसके लिए इसे एक नई जगह जाने की जरूरत है।

इस अभियान के सहवैज्ञानिक अश्विन वसावदा ने उम्मीद जताई कि क्यूरियोसिटी अगले कुछ ही दिनों में इस काम पर निकल पड़ेगा।

नासा की प्रयोगशाला के वसावदा ने कहा कि जमीन की चट्टानें आपको पुराने मंगल की असल कहानी बताती हैं। मिट्टी से निष्कर्ष निकालना थोड़ा मुश्किल है क्योंकि हमें नहीं पता कि यह कितनी पुरानी है और यह आई कहां से है?

अगस्त में दो वर्षीय अभियान पर निकले इस रोवर का उद्देश्य यह पता लगाना है कि क्या कभी लाल ग्रह पर ऐसे हालात थे कि वहां सूक्ष्मजीव हो सकते थे। इस रोवर ने मंगल विषुवत के पास एक पुराने गड्ढे गेल क्रेटर को स्पर्श किया था। कार जितने आकार के इस रोवर पर कई उच्च तकनीकी यंत्र लगे हैं। मंगल की सतह पर उतरने वाला यह अब तक का सबसे परिष्कृत यंत्र है।

पहले तीन महीनों में इसने वायुदाब में मौजूद कुछ बूंदों की पहचान की थी जो कि क्षेत्र में चक्रवात का संकेत थीं।

इस रोवर का अंतिम लक्ष्य पांच किलोमीटर ऊंचा एक पर्वत है, जिसपर खनिजों का भारी जमाव है। वैज्ञानिकों को उम्मीद थी कि इस पर्वत के आधार तक इस साल के अंत तक पहुंचा जा सकेगा, लेकिन रोवर के एक स्थान पर लंबे समय तक रूकने के बाद अब ऐसा संभव नहीं लगता। (भाषा)

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