लंबे समय से डॉक्टर कहते रहे हैं कि स्तनपान माँ और शिशुओं दोनों के लिए बेहतर होता है। अब एक शोध में यह बात सामने आई है कि स्तनपान शिशुओं खास तौर से लड़कों को बुद्धिमान बनाता है।
यूनिवर्सिटी ऑफ वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया के नेतृत्व में एक अंतर्राष्ट्रीय दल ने शोध में पाया है कि स्तनपान बच्चों को 10 साल की उम्र तक पढ़ाई में सफलता हासिल करने में मदद करता है। इसका लड़कों पर ज्यादा प्रभाव होता है।
शोधकर्ताओं के अनुसार माँ के दूध में मौजूद कुछ तत्व दिमाग के विकास में मददगार होते हैं क्योंकि लड़कों में दिमाग के विकास के लिए जिम्मेदार ‘फिमेल हार्मोन’ की कमी होती है।
शोधकर्ताओं ने बताया कि सीखते वक्त लड़के माँ पर बहुत ज्यादा ध्यान देते हैं। इससे यह समझा जा सकता है कि माँ के दूध का लड़कों पर ज्यादा प्रभाव होता है। छह महीने या उससे ज्यादा वक्त तक लगातार स्तनपान का बच्चों खास तौर से लड़कों पर सकारात्मक प्रभाव देखा जा सकता है।
‘द डेली टेलीग्राफ’ में इस शोध के मुख्य लेखक वेन्डी ऑडी ने कहा कि हमारा शोध इस बात की पुष्टि करता है कि कम से कम छह महीने तक स्तनपान कराना बच्चे की सेहत के लिए बेहतर है। माँओं को छह महीने और उससे ज्यादा स्तनपान कराने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
इस शोध में करीब एक हजार बच्चों को शामिल किया गया। इन बच्चों पर उस समय से नजर रखी जा रही थी जब उनकी माँ साढ़े चार महीने की गर्भवती थीं। इनका अध्ययन 10 साल की उम्र तक किया गया जब उन्होंने गणित के सवाल बनाने, पढ़ना, और लिखना आदि सीख लिया। शोधकर्ताओं ने बच्चों पर माँ की पढ़ाई, घरेलू आमदनी आदि के प्रभाव का भी अध्ययन किया।
लड़कों और लड़कियों पर स्तनपान के अलग-अलग प्रभावों का अध्ययन करने पर पता चला कि छह महीने या उससे ज्यादा वक्त तक लगातार स्तनपान ने लड़कों में गणितीय गणना की क्षमता, पढ़ने, लिखने और वर्तनी याद रखने की क्षमता बढ़ा दी वहीं लड़कियों पर इसका विशेष प्रभाव नहीं हुआ।
शोध के मुताबिक औसतन लड़के गणितीय गणना और वर्तनी के मामले में लड़कियों से कमजोर होते हैं, लेकिन अगर लड़के को छह महीने या उससे ज्यादा समय तक स्तनपान कराया जाए तो यह बदल सकता है। (भाषा)