नूर ने बताया कि ये चटख गुलाबी रंगवर्ण क्लोरोफिल के मॉलेक्यूलर जीवाश्म है, जिसका उत्पादन समु्द्र में रहने वाले प्राचीन प्रकाश संश्लेषक जीवों ने किया और इन जीवों के अस्तित्व नहीं रहने के बावजूद लंबे समय से यह वहीं मौजूद था।
पीएनएएस पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार जीवाश्मों से प्राप्त रंगों में गहरे लाल रंग से लेकर बैंगनी रंग गाढ़े रूप में मौजूद थे, लेकिन जब उन्हें तरल पदार्थ मिलाकर पतला किया गया तब इनमें से चटख गुलाबी रंग प्राप्त हुआ।