लंदन। योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया ने कहा है कि भारत के पास तमाम क्षमताएं है जिससे वह आने वाले साल में 8 प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि दर पर लौट सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि फिलहाल चालू खाते का घाटा बड़ी समस्या है।
ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में छात्रों तथा शिक्षाविदों को संबोधित करते हुए अहलूवालिया ने कहा पिछले 10 साल में भारत की औसत आर्थिक वृद्धि दर 7.5 प्रतिशत रही। पिछले दशक के औसत प्रदर्शन को पटरी पर लाना संभव है।
वित्त वर्ष 2013-14 के लिए आर्थिक वृद्धि का लक्ष्य 6.5 से 7 प्रतिशत है तथा इसमें और तेजी आएगी। भारत के पास 8 प्रतिशत आर्थिक वृद्धि दर हासिल करने की पूरी क्षमता है।
अहलूवालिया ने कहा कि 5.0 प्रतिशत से अधिक वृद्धि कम है लेकिन दुनिया के सभी देशों में आर्थिक वृद्धि धीमी हो रही है। यह चिंता का कारण है लेकिन हम और की उम्मीद कर रहे हैं। लेकिन यह भी सही है कि इससे कोई बड़ी आपदा नहीं आ गई है। आर्थिक वृद्धि महत्वपूर्ण है लेकिन वृद्धि समावेशी और टिकाउ होनी चाहिए।
उन्होंने यह भी कहा कि देश में गरीबी में कमी सरकार के लक्ष्य के अनुसार है। गरीबी कम होने की दर बढ़ी है। यह विचार पूरी तरह गलत है कि धनी और धनी हो रहे हैं तथा गरीब और गरीब..।
अहलूवालिया ने कहाकि विश्व अर्थव्यवस्था की स्थिति चुनौतीपूर्ण है। सरकार की नीतियों का जोर विदेशी निवेशकों का भारत के प्रति विश्वास बहाल करना है। भारत में मानव संसाधन है और निजी क्षेत्र का विस्तार हो रहा है। एकमात्र समस्या चालू खाते का घाटा है। लेकिन ऐसा लगता है कि वैश्विक वित्तीय प्रणाली स्थिर हो रही है और महत्वपूर्ण संदेश यह है कि विदेशी निवेश के लिये भारत प्रमुख गंतव्य है..। (वार्ता)