साथ ही स्थानीय संवेदनशील आंकड़ों के संग्रह या उसके प्रसंस्करण तथा उसे विदेशों में रखने को लेकर नियम एवं शर्तों का प्रस्ताव किया गया था। कई ई-वाणिज्य कंपनियों ने आंकड़ों से संबंधित प्रावधानों को लेकर अपनी चिंता जताई है। विभाग को मसौदे पर अच्छी प्रतिक्रिया मिली है और वह सभी विचारों और टिप्पणियों को देख रहा है। महापात्र ने कहा कि हम दोनों नीतियों पर सक्रियता से काम कर रहे हैं।
प्रस्तावित नई औद्योगिक नीति का मकसद उभरते क्षेत्रों को बढ़ावा देना, नियामकीय बाधाओं को दूर करना तथा भारत को एक विनिर्माण केंद्र बनाना है। विभाग ने नई औद्योगिक नीति तैयार करने की प्रक्रिया मई 2017 में शुरू की थी। वर्ष 1956 और 1991 के बाद यह तीसरी औद्योगिक नीति होगी।