चीनी उत्पादन में गिरावट, महंगा हुआ शीरा निर्यात

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
मंगलवार, 16 जनवरी 2024 (11:11 IST)
नई दिल्ली। चीनी उत्पादन में गिरावट के बाद उसके दाम बढ़ने के आशंक को देखते हुए मोदी सरकार ने गन्ने के रस से बने शीरा के निर्यात पर 50 प्रतिशत शुल्क लगा दिया है। यह इथेनॉल उत्पादन का प्रमुख घटक है।
 
वित्त मंत्रालय की ओर से जारी एक अधिसूचना के अनुसार, यह शुल्क 18 जनवरी से प्रभावी होगा। इस कदम का मकसद घरेलू भट्टियों के लिए शीरा की उपलब्धता को बढ़ावा देना और सरकार के इथेनॉल मिश्रण लक्ष्य को पूरा करने में मदद करना है।
 
सरकार का लक्ष्य चालू वर्ष में पेट्रोल के साथ 15 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रण प्राप्त करना है जिसके लिए 690 लीटर इथेनॉल की आवश्यकता होगी।
 
इथेनॉल के बिना सरकार ने चालू 2023-24 सीजन (अक्टूबर-सितंबर) में चीनी उत्पादन घटकर 3.23-3.3 करोड़ टन होने का अनुमान लगाया है, जो पिछले सीजन में 3.73 करोड़ टन था।
 
भारत वियतनाम, दक्षिण कोरिया, नीदरलैंड और फिलीपींस सहित देशों को शीरा निर्यात करता है। तीन राज्य महाराष्ट्र, कर्नाटक और गुजरात शीरा का निर्यात करते हैं।

कच्चे तेल पर अप्रत्याशित लाभ कर घटाया : सरकार ने देश में उत्पादित कच्चे तेल पर अप्रत्याशित लाभ कर को 2,300 रुपये प्रति टन से घटाकर मंगलवार को 1,700 रुपये प्रति टन कर दिया है। यह कर घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल पर विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क (SAED) के रूप में लगाया जाता है।
 
आधिकारिक अधिसूचना के अनुसार, डीजल, पेट्रोल और विमान ईंधन या एविएशन टर्बाइन फ्यूल (ATF) के निर्यात पर एसएईडी को शून्य पर बरकरार रखा गया है। नई दरें आज यानी 16 जनवरी से प्रभावी हो गईं।
 
भारत ने पहली बार एक जुलाई 2022 को अप्रत्याशित लाभ कर लगाया था। इसके साथ ही भारत ऊर्जा कंपनियों के असाधारण मुनाफे पर कर लगाने वाले देशों की सूची में शामिल हो गया था।
Edited by : Nrapendra Gupta

सम्बंधित जानकारी

अगला लेख