सर्वेक्षण का निष्कर्ष, MSME क्षेत्र को कोविड 19 से लगा बड़ा झटका

Webdunia
गुरुवार, 25 जून 2020 (16:20 IST)
नई दिल्ली। कोविड-19 संकट की वजह से कई सूक्ष्म, लघु एवं मझौले उपक्रमों (एमएसएमई) को अपना कारोबार बंद करना पड़ा है। एंड्यूरेंस इंटरनेशनल ग्रुप द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण में यह तथ्य सामने आया है।
 
इस सर्वेक्षण में जून के पहले 2 सप्ताह में करीब 500 भारतीय एमएसएमई इकाइयों के विचार लिए गए। इनमें से एक-तिहाई एमएसएमई ने इस बात की पुष्टि की कि स्थिति सामान्य होने तक उन्होंने अस्थायी तौर पर अपना कारोबार बंद कर दिया है।
ALSO READ: ऋण गारंटी योजना के तहत बैंकों ने MSME के लिए मंजूर किए 75,000 करोड़ के कर्ज
सर्वेक्षण में कहा गया है कि मुख्य रूप से महानगरों तथा खुदरा और विनिर्माण क्षेत्र के एमएसएमई का कारोबार कोविड-19 संकट की वजह से सबसे अधिक प्रभावित हुआ है। ज्यादातर यानी करीब 60 प्रतिशत एमएसएमई का मानना है कि कारोबार सामान्य होने में 6 महीने तक का समय लगेगा।
 
इस संकट से बाहर निकलने के लिए एमएसएमई क्षेत्र सरकार से मदद चाहता है। सर्वेक्षण में शामिल 50 प्रतिशत एमएसएमई ने कहा कि वे सरकार से कर रियायत या पूरी तरह कर मुक्ति की उम्मीद कर रहे हैं। 36 प्रतिशत एमएसएमई का कहना था कि वे सरकार से शून्य ब्याज पर या सस्ता कर्ज चाहते हैं।
 
कोरोना वायरस महामारी की वजह से लागू लॉकडाउन के चलते 30 प्रतिशत एमएसएमई ने बिजनेस वेबसाइट या ई-कॉमर्स सुविधा शुरू की है। शिक्षा क्षेत्र से जुड़े एमएसएमई द्वारा डिजिटल माध्यमों के इस्तेमाल में सबसे अधिक उछाल आया है।
 
सर्वेक्षण में एक और खास बात यह सामने आई है कि लॉकडाउन के दौरान ई-कॉमर्स के जरिए कामकाज करने वाले एमएसएमई के कुल राजस्व में इसका हिस्सा बढ़कर 50 प्रतिशत हो गया है। खुदरा और शिक्षा क्षेत्र के राजस्व में ई-कॉमर्स का हिस्सा बढ़कर क्रमश: 53 और 65 प्रतिशत हो गया है। (भाषा)

सम्बंधित जानकारी

अगला लेख