म्यूचुअल फंडों ने सितंबर तिमाही के दौरान तरल प्रतिभूतियों में लगाए गए कोष से 15,862 करोड़ रुपए तथा ऋण जोखिम वाली प्रतिभूतियों से 8,032 करोड़ रुपए निकाले। हालांकि इस दौरान म्यूचुअल फंडों ने कॉरपोरेट बांड में करीब 6,717 करोड़ रुपए तथा बैंकिंग एवं सार्वजनिक उपक्रम के ऋणपत्रों में 10,749 करोड़ रुपए लगाये। इस तरह उन्होंने ऋणपत्रों से 5,061 करोड़ रुपए की निकासी की।
आलोच्य तिमाही के दौरान निवेशकों ने इक्विटी म्यूचुअल फंडों में 24 हजार करोड़ रुपए निवेश किए। यह जून तिमाही की तुलना में 35 प्रतिशत अधिक है। इस श्रेणी में निवेश बढ़ने का मुख्य कारण एफपीआई अधिशेष को वापस लेना, कॉरपोरेट करों में कटौती होना तथा आने वाले समय में अन्य सुधारों की उम्मीद है।