नई दिल्ली। minimum pension : ओल्ड पेंशन स्कीम की मांग के बीच कर्मचारियों के लिए सरकार बड़ा फैसला ले सकती है। मीडिया में आई खबरों के अनुसार केंद्र सरकार ने ओल्ड पेंशन स्कीम की मांग के मद्देनजर नेशनल पेंशन स्कीम (National Pension Scheme) के बढ़ते विरोध के बीच वित्त सचिव की अध्यक्षता में कमेटी बनाने का ऐलान किया था जो एनपीएस को आकर्षक बनाने को लेकर विचार कर रही है।
राज्यों के बीच छिड़ा हुआ है घमासान : नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) लेकर केंद्र और विपक्षी दलों द्वारा शासित राज्यों के बीच घमासान छिड़ा हुआ है। केंद्रीय और राज्य के कर्मचारी इन दिनों नेशनल पेंशन स्कीम को विरोध करते हुए पुरानी पेंशन स्कीम को फिर से बहाल करने की मांग कर रहे हैं।
क्या हो सकता है बदलाव : मीडिया खबरों के मुताबिक कर्मचारियों की नाराजगी को दूर करने के लिए केंद्र सरकार मौजूदा मार्केट लिंक्ड पेंशन स्कीम में बदलाव कर सकती है। केंद्र सरकार कर्मचारियों के ड्रॉ किए गए आखिरी सैलेरी का 40 से 45 प्रतिशत न्यूनतम पेंशन देने का भरोसा दे सकती है। एक मीडिया खबर के मुताबिक न्यू पेंशन स्कीम में कई नए प्रावधान लाए जाने पर चर्चा चल रही है। इसमें मिनिमम गारंटीड रिटर्न भी शामिल है। इस पर वित्त मंत्रालय में चर्चा हो रही है।
क्या है दोनों स्कीम में अंतर : राष्ट्रीय पेंशन योजना देश में 1 अप्रैल 2004 से प्रभावी है। ओल्ड पेंशन स्कीम (Old Pension Scheme -OPS) को दिसंबर 2003 में वाजपेयी सरकार ने खत्म कर दिया था।
पुरानी पेंशन योजना में कर्मचारी के आखिरी वेतन का 50 प्रतिशत पेंशन होती थी। इसकी पूरी राशि का भुगतान सरकार करती थी, वहीं, NPS में उन कर्मचारियों के लिए है, जो 1 अप्रैल 2004 के बाद सरकारी नौकरी में शामिल हुए।
कर्मचारी अपनी सैलरी से 10 फीसदी हिस्सा पेंशन के लिए योगदान करते हैं। इसके अलावा राज्य सरकार 14 फीसदी योगदान देती है। पेंशन का पूरा पैसा पेंशन रेगुलेटर PFRDA के पास जमा होता है, जो इसे निवेश करता है। Edited By : Sudhir Sharma