प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जब सार्वजनिक उपक्रमों की शुरुआत की गई थी, तब उनकी जरूरत थी, लेकिन वर्तमान समय की जरूरत निजीकरण है। उन्होंने कहा कि व्यवसाय करना सरकार का काम नहीं है, सरकार का ध्यान जन कल्याण पर होना चाहिए। लोगों के पैसों का सही इस्तेमाल करने के लिए निजीकरण किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि सरकार के पास कई ऐसी संपत्तियां हैं, जिनका पूर्ण रूप से उपयोग नहीं हुआ है या फिर ये बेकार पड़ी हुई हैं। मोदी ने कहा कि 100 परिसंपत्तियों को बाजार में चढ़ाकर 2.5 लाख करोड़ रुपए जुटाए जाएंगे। निजीकरण, संपत्ति के मौद्रीकरण से जो पैसा आएगा उसे जनता पर खर्च किया जाएगा। यही कारण है कि सरकार मौद्रीकरण, आधुनिकीकरण पर ध्यान दे रही है, निजी क्षेत्र से दक्षता आती है और रोजगार मिलता है।
पीएम ने कहा कि हम 111 लाख करोड़ रुपए की नई राष्ट्रीय बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की पाइपलाइन (सूची) पर काम कर रहे हैं।उन्होंने कहा कि भारत अब एक बाजार, एक कर प्रणाली वाला देश है, कर प्रणाली को सरल बनाया गया है, अनुपालन जटिलताओं में सुधार लाया गया है।