मुख्य न्यायाधीश टीएस ठाकुर की अध्यक्षता वाली पीठ ने स्वयंसेवी संगठन, सेंटर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन (सीपीआईएल) की याचिका खारिज कर दी जिसने सरकार द्वारा कंपनी को अपने 4जी स्पेक्ट्रम पर वॉयस सेवा प्रदान करने की मंजूरी देने के फैसले को चुनौती दी थी।
वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण के जरिए 2014 में दायर जनहित याचिका में सरकार द्वारा रिलायंस को ब्रॉडबैंड वायरलैस पहुंच (बीडब्ल्यूए) स्पेक्ट्रम पर वॉयस टेलीफोनी प्रदान करने संबंधी दी गई। मंजूरी को पलटने और कथित 40,000 करोड़ रुपए के घोटाले में न्यायालय की निगरानी में सीबीआई जांच की मांग की गई थी। (भाषा)