मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा यस बैंक पर पाबंदी लगाए जाने के बाद बैंक के परेशान जमाकर्ताओं को एटीएम से धन निकालने में मुश्किलों का सामना करना पड़ा। लंबी कतारों में खड़े जमाकर्ताओं को कहीं मशीनें बंद पड़ी मिलीं तो कहीं एटीएम में धन नहीं था। इस बीच नकदी संकट से जूझ रहे Yes Bank में निवेश के लिए एसबीआई बोर्ड ने ‘सैद्धांतिक’ स्वीकृति दे दी है।
एसबीआई बोर्ड ने गुरुवार को शेयर बाजारों को सूचित किया, Yes बैंक से संबंधित मामले पर गुरुवार को बैंक के केंद्रीय बोर्ड की बैठक में चर्चा की गई और बोर्ड ने बैंक में निवेश अवसर तलाशने के लिए सैद्धांतिक रूप से मंजूरी दे दी है।
यह घोषणा तब की गई जब इससे कुछ घंटे पहले भारतीय रिजर्व बैंक ने यस बैंक पर पाबंदियां लगा दीं और एक महीने के लिए जमाकर्ताओं के वास्ते निकासी सीमा 50 हजार रुपए तय कर दी तथा इसके बोर्ड को भंग कर दिया। खबरों के अनुसार सरकार ने एसबीआई और एलआईसी दोनों से येस बैंक में सामूहिक रूप से 49 प्रतिशत शेयर हासिल करने को कहा है।
जमाकर्ता परेशान : YES बैंक के जमाकर्ताओं को एटीएम से धन निकालने में मुश्किलों का सामना करना पड़ा। लंबी कतारों में खड़े जमाकर्ताओं को कहीं मशीनें बंद पड़ी मिलीं तो कहीं एटीएम में धन नहीं था। ग्राहकों की मुसीबत और बढ़ गई जब उन्हें इंटरनेट बैंकिंग प्रणाली के माध्यम से धन स्थानांतरित करने में भी असुविधा झेलनी पड़ी।
RBI ने तय की निकासी सीमा : भारतीय रिजर्व बैंक ने गुरुवार को नकदी संकट से जूझ रहे निजी क्षेत्र के यस बैंक पर रोक लगाते हुए उसके निदेशक मंडल को भंग कर दिया है। इसके अलावा बैंक के जमाकर्ताओं के लिए 50,000 रुपए की निकासी की सीमा तय की है। बैंक के लिए एक प्रशासक की भी नियुक्ति की गई है।